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अब किसानों के लिए अभियान चलाएंगे सुब्रमण्यम स्वामी

भाजपा नेता और राज्य सभा सदस्य सुब्रमण्यम स्वामी ने किसानों के लिए अभियान चलाने का ऐलान किया है।

By Sachin MishraEdited By: Published: Fri, 27 May 2016 07:48 PM (IST)Updated: Fri, 27 May 2016 10:53 PM (IST)

जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। मोदी सरकार की दो साल की उपलब्धियां मनाने के लिए पश्चिमी उत्तर प्रदेश में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की रैली के एक दिन बाद भाजपा नेता और राज्य सभा सदस्य सुब्रमण्यम स्वामी ने किसानों के लिए अभियान चलाने का ऐलान किया है। स्वामी ने कहा कि वह 2016 में नेशनल हेराल्ड मामले के दोषियों को जेल भिजवाने और राम मंदिर का निर्माण कार्य शुरू कराने के बाद अगले साल से किसानों की लड़ाई लड़ेंगे।

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स्वामी ने यह बात शुक्रवार को भारतीय किसान अभियान की ओर से आयोजित एक कार्यक्रम में पश्चिमी उत्तर प्रदेश से आए किसानों को संबोधित करते हुए कही। स्वामी ने कहा कि किसानों की स्थिति 1857 के बाद खराब हुई। किसानों ने 1857 के विद्रोह में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी, जिसके बाद अंग्रेजों ने किसानों को कमजोर बनाने की रणनीति बनाई। उन्होंने कहा कि अंग्रेजों ने जमींदारी प्रथा और लगान वसूली के जरिए ऐसा किया।

स्वामी ने आरोप लगाया कि आजादी के बाद अधिकतर नेता ग्राम सुधार को लेकर संजीदा थे लेकिन पंडित जवाहरलाल नेहरू ने इसे तवज्जो नहीं दी। उन्होंने कहा कि 1965 में जब भुखमरी का दौर आ गया तो तत्कालीन प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री ने दुनियाभर के विशेषज्ञों से मंथन कर हरित क्रांति की नींव रखी।

स्वामी ने कहा कि अब उन्हें किसानों के लिए काम करने का मौका मिला है। इसलिए वह अगले साल से किसानों के लिए अभियान चलाएंगे। उन्होंने कहा कि देश के हर जिले में छोटे हवाई अड्डे और कृषि विश्वविद्यालय होने चाहिए।

इस मौके पर भारतीय किसान अभियान के अध्यक्ष हरपाल पंवार ने कहा कि स्वामी इससे पूर्व चौधरी चरण सिंह के साथ भी किसानों के हित में सक्रिय रहे हैं। उनका सहयोग मिलने से किसानों की समस्याओं का बेहतर हल निकल सकेगा।

कार्यक्रम को संबोधित करते हुए सुप्रीम कोर्ट के वरिष्ठ अधिवक्ता यतिंदर चौधरी ने कहा कि स्वामी ने हर जिले में पैकेजिंग, कोल्ड स्टोरेज और छोटे एयरपोर्ट का सुझाव दिया है जो बेहद स्वागत योग्य है। उन्होंने कहा कि पश्चिमी उत्तर प्रदेश में अधिकांश लोग कृषि पर निर्भर हैं, इसलिए वहां इस तरह की सुविधाओं की सबसे ज्यादा जरूरत है।

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