Move to Jagran APP

पाक को F-16: भारत डरा नहीं, दुनिया को दे रहा सख्त संदेश

अमेरिका ने पाकिस्तान को एफ-16 फाइटर जेट देने का फैसला किया है।

By anand rajEdited By: Published: Sat, 13 Feb 2016 06:44 PM (IST)Updated: Sun, 14 Feb 2016 09:18 AM (IST)
पाक को F-16: भारत डरा नहीं, दुनिया को दे रहा सख्त संदेश

नई दिल्ली। अमेरिका ने पाकिस्तान को एफ-16 फाइटर जेट देने का फैसला किया है। इस पर भारत ने अपनी नाराजगी जताई है और अमेरिकी राजदूत रिचर्ड वर्मा को तलब किया है। भारत की इस प्रतिक्रिया को अलग-अलग तरह से देखा जा रहा है। पूछा जा रहा है कि क्या भारत डर गया है? क्या ये फाइटर मिलने से पाकिस्तान की सैन्य ताकत भारत से ज्यादा हो जाएगी? पेश है ऐसे ही सवालों से जुड़ी दस बातें -

loksabha election banner
  1. पाकिस्तान को ये एफ-16 लड़ाकू विमान मिल जाएंगे तो भी भारत और उसकी सैन्य ताकत में कोई फर्क नहीं आएगी। यानी पाकिस्तान बहुत ज्यादा ताकतवर नहीं हो जाएगा।
  2. विशेषज्ञों के मुताबिक, पाकिस्तान सरकार और सैन्य अधिकारी अपनी अवाम के बीच संदेश देना चाहते हैं कि वे सेना के आधुनिकीकरण के लिए लगातार प्रयासरत हैं।
  3. खासतौर पर नेता यह दिखाना चाहते हैं कि अमेरिका अब भी उनके साथ है और भारत के खिलाफ मदद कर रहा है।
  4. इसका प्रमाण विकीलिक्स केबल से सार्वजनिक हुआ अमेरिकी सेना के एक अधिकारी का यह बयान है कि पाकिस्तान एयरफोर्स एफ-16 को लेकर बहुत बावली है। वहां के लोगों के जेहन में इसका अलग महत्व है।
  5. बहरहाल, पाकिस्तान को एफ-16 विमान देने के अमेरिका के फैसले पर भारत की प्रतिक्रिया को कुछ लोग 'ओवर रिएक्शन' करार दे रहे हैं।
  6. उनका कहना है कि इससे भारत-पाकिस्तान संबंधों में अमेरिका का महत्व एक बार फिर बढ़ सकता है, जबकि इन्हीं हालात को रोकने की कोशिश में भारत पिछले 15 सालों से लगा है।
  7. जानकारों का एक दूसरा वर्ग कहता है कि भारत को रणनीतिक रूप से कोई फर्क नहीं पड़ेगा कि अमेरिका पाकिस्तान को एफ-16 की आपूर्ति करता है या नहीं।
  8. भारत ने अमेरिकी राजदूत को तलब कर अन्य महाशक्तियों को यह संदेश देने की कोशिश की है कि आतंकवाद पर जारी जंग के बीच यदि कोई पाकिस्तान को हथियार मुहैया कराएगा तो भारत की नाराजगी झेलना पड़़ेगी।
  9. यह पहली बार नहीं है जब अमेरिका ने पाकिस्तान को एफ-16 लड़ाकू विमान बेचे हैं। यह सिलसिला 1980 के दशक से चला आ रहा है। तब अमेरिकी राष्ट्रपति रोमाल्ड रीगन ने पातािस्तानी तानाशाह जनरल जिआ-उल-हक से साथ यह सैन्य समझौता किया था।
  10. 1983 में पाकिस्तान को इन विमानों की पहली खेप मिल गई थी। हालांकि चालीस विमानों की पहली खेप मिलने के बाद ही पाकिस्तान के परमाणु कार्यक्रम से खफा होकर अमेरिकी ने रोक लगा दी थी। 9/11 के आतंकी हमले के बाद अमेरिकी सेना ने जब अफगानिस्तान पर डेरा डाला तो पाकिस्तान को फिर से इनकी आपूर्ति शुरू हो गई।

Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.