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राज्यों को भी दिखानी होगी एसजीएसटी पारित करने की तत्परता

जीएसटी संबंधित पांच विधेयकों में से एक एसजीएसटी को मंजूरी के लिए राज्यों की विधानसभाओं की भी तत्‍परता दिखानी होगी।

By Monika minalEdited By: Updated: Thu, 30 Mar 2017 10:05 AM (IST)
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राज्यों को भी दिखानी होगी एसजीएसटी पारित करने की तत्परता

नई दिल्ली (जागरण ब्‍यूरो)। वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) के लिए जरूरी चार विधेयक लोकसभा से पारित होने के बाद अब इन्हें राज्यसभा में चर्चा के लिए भेजा जाएगा। फिर इन्हें राष्ट्रपति की मंजूरी मिलने पर राज्यों की विधानसभाओं को भी एसजीएसटी विधेयक पारित करने के लिए तत्परता दिखानी होगी। इसके लिए उन्हें विधानसभाओं के विशेष सत्र बुलाने होंगे। सरकार ने एक जुलाई 2017 से जीएसटी लागू करने का लक्ष्य रखा है।

राज्य वस्तु एवं सेवा कर विधेयक (एसजीएसटी), 2017 के प्रावधान बिल्कुल केंद्रीय जीएसटी विधेयक की तरह हैं। हाल ही में जीएसटी काउंसिल ने इसके प्रावधानों को अंतिम रूप दिया था। माना जा रहा है कि जिस तरह जीएसटी के लिए जरूरी 122वें संविधान संशोधन विधेयक को पारित करने में राज्यों ने तेजी दिखाई थी वैसी ही तत्परता एसजीएसटी विधेयक को पारित करने में भी देखने को मिल सकती है।

दरअसल, जीएसटी काउंसिल में सभी राज्यों के वित्त मंत्री बतौर सदस्य शामिल हैं और काउंसिल ने आम राय से इस विधेयक के प्रारूप को मंजूरी दी है, इसलिए एसजीएसटी विधेयक के पारित होने में राजनीतिक मतभिन्नता आड़े नहीं आएगी। राज्यों में जीएसटी किस प्रकार लागू किया जाएगा, किस तरह पंजीकरण, रिटर्न और रिफंड की प्रक्रिया होगी, इसका उल्लेख एसजीएसटी में किया गया है।

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