उपज बेचने को मंडी कानून में संशोधन करें राज्य, केंद्रीय कृषि मंत्री तोमर ने राज्यों से किया अनुरोध
केंद्र ने राज्यों से अपने मंडी कानून में उचित संशोधन करने को कहा है ताकि किसानों को मंडी के बाहर कहीं भी अपनी उपज बेचने में सहूलियत हो।
जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। केंद्र ने कोविड-19 की महामारी के मद्देनजर लागू देशव्यापी लॉकडाउन के चलते किसानों को राहत देने के लिए राज्यों को आगे आने को कहा है। केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने राज्यों के कृषि मंत्रियों से चर्चा करते हुए वर्तमान परिस्थिति को देखते हुए मंडी कानून में संशोधन करने और मंडी टैक्स को फिलहाल स्थगित करने का अनुरोध किया है। उपज की खरीद को सहज बनाने के लिए मंडी के बाहर भी खरीद बिक्त्री की छूट दी जाए। वीडियो कांफ्रेंसिंग में तोमर ने बताया कि आगामी खरीफ सीजन का तैयारी सम्मेलन निर्धारित 16 अप्रैल को वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिये ही होगा। इस दौरान खरीफ सीजन की फसलों की तैयारियों की कार्य योजना को अंतिम रूप दिया जाएगा।
केंद्र ने राज्यों से अपने मंडी कानून में उचित संशोधन करने को कहा है, ताकि किसानों को मंडी के बाहर कहीं भी अपनी उपज बेचने में सहूलियत हो। केंद्र ने अपनी ओर से हर संभव मदद मुहैया कराने के प्रावधान किये हैं। केंद्रीय कृषि व किसान कल्याण मंत्री तोमर ने बुधवार को राज्यों के कृषि मंत्रियों से वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से कृषि संबंधी विषयों पर विस्तार से चर्चा की। इस दौरान एग्रीकल्चरल प्रोड्यूश मार्केटिंग कमेटी की संचालित मंडियों में लागू कानून में बदलाव करने का अनुरोध किया। मौजूदा परिस्थितियों में मंडी टैक्स को फिलहाल स्थगित करने की बात कही।
90 दिनों में कृषि संबंधी कार्यों को पूरा करने की समय सीमा तय
राज्यों के अनुरोध पर कृषि संबंधी कार्यों को 90 दिनों में पूरा कर लेने की समय-सीमा तय कर दी गई है। तोमर ने कृषि मंत्रियों से बातचीत में कोरोना वायरस संकट के दौर में खेती-किसानी के लिए हरसंभव राहत पहुंचाने पर जोर दिया।
कृषि मंत्री ने कहा कि सभी राज्य अपने स्तर पर कंट्रोल रूम बनाकर केंद्र के साथ लगातार समन्वय बनाने की कोशिश करें, ताकि कृषि उपज की बिक्त्री व अन्य गतिविधियों का संचालन करने में मदद मिल सके। केंद्रीय कंट्रोल रूम अपना कार्य सुचारु रुप से करने लगा है। अंतरराज्यीय परिवहन पर विशेष ध्यान देने की जरूरत पर बल दिया गया।
राज्यों को भेजे दिशा-निर्देशों की दी जानकारी
कृषि सचिव संजय अग्रवाल ने लॉकडाउन से किसानों के लिए दी गई छूट व राज्यों को भेजे दिशा-निर्देशों की जानकारी दी। केंद्र की छूट का उद्देश्य है कि कृषि उपज को मंडियों में लाने की जरूरत नहीं पड़े और वे परेशान न हो। वेयरहाऊसों से ही कृषि उपज की बिक्त्री सुविधाजनक तरीके से की जा सकती है। तोमर ने राज्यों के कृषि मंत्रियों का ध्यान इस ओर भी दिलाया कि लॉकडाउन के प्रारंभिक दौर में सब्जी मंडियों में सामाजिक दूरी का ध्यान नहीं रखा गया था।
दलहन-तिलहन की सरकारी खरीद को हर हाल में 30 अप्रैल तक पूरा कर लेने को कहा गया है। लेकिन राज्यों के अनुरोध पर अब इसकी समय सीमा 90 दिन कर दी गई है। तोमर ने कहा कि कोई किसान एफपीओ या स्वयं सहायता समूह के माध्यम से होम डिलीवरी कर उत्पाद उपभोक्ताओं तक पहुंचाना चाहते है तो इसकी छूट उन्हें दी जानी चाहिए। राज्यों को अपने मंडी कानून में इसके लिए संशोधन करने की जरूरत है। उन्होंने राज्यों से इस दौरान मंडी टैक्स में छूट देने का आग्रह किया है।
गोदामों में खरीद केंद्र खोलने को कहा
खरीद केंद्रों पर भीड़ कम करने के लिए, मध्यप्रदेश की तरह, मंडी के रूप में घोषित करके गोदामों में खरीद केंद्र खोलने को कहा। किसानों को न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) का भुगतान मध्य प्रदेश व राजस्थान की तर्ज पर सभी राज्य पर्याप्त रिवाल्विंग फंड बनाएं। खरीद केंद्रों के पास पर्याप्त गोदामों की जगह की व्यवस्था राज्य एजेंसी द्वारा की जाना चाहिए। खरीद केंद्रों से भंडारण बिंदुओं तक स्टॉक उठाने के लिए ट्रांसपोर्टरों की पूर्व व्यवस्था करना होगी।