बढ़ गईं रेल राज्यमंत्री की शक्तियां
रेलमंत्री सुरेश प्रभु ने अपनी अधिकतर शक्तियां रेल राज्यमंत्री मनोज सिन्हा को सौंप दी हैं। रेल राज्यमंत्री का रुतबा बढ़ने से रेल अधिकारियों का रुख भी अब बदल गया है। इस निर्णय के बाद मंजूरी के लिए महत्वपूर्ण फाइलें रेल राज्यमंत्री को जाएंगी।
दीपक बहल, अंबाला। रेलमंत्री सुरेश प्रभु ने अपनी अधिकतर शक्तियां रेल राज्यमंत्री मनोज सिन्हा को सौंप दी हैं। रेल राज्यमंत्री का रुतबा बढ़ने से रेल अधिकारियों का रुख भी अब बदल गया है। इस निर्णय के बाद मंजूरी के लिए महत्वपूर्ण फाइलें रेल राज्यमंत्री को जाएंगी।
तबादले का अधिकार मिलने के बाद अधिकारियों ने राज्यमंत्री के नजदीकियों से अपने संपर्क बढ़ाने शुरू कर दिए हैं। रेल मंत्रालय का यह आदेश 7 मई को जारी कर देशभर के आला अधिकारियों को भेज दिया गया है।
यह शक्तियां दी
सूत्रों के मुताबिक 10 लाख से लेकर 10 करोड़ तक के सिविल इंजीनिय¨रग, एसएंडटी मैकेनिकल, इलेक्टि्रकल एंड आरई की क्षतिपूर्ति संबंधी फाइलें अब अनुमति के लिए सुरेश प्रभु के बजाय मनोज सिन्हा के पास जाएंगी। उन्हें रोलिंग स्टॉक, मशीनरी एवं प्लॉट कॉस्टिंग की 50 लाख से लेकर 50 करोड़ तक की अनुमति दी गई है। रेलवे में 50 लाख से 50 करोड़ तक के रेल डिब्बे, इंजन, मशीनरी खरीदने संबंधी मंजूरी भी रेल राज्य मंत्री देंगे। विभाग में पद रिक्त न होने पर हाई एडमिनिस्ट्रेशन गे्रड के अपग्रेडेशन भी अब सिन्हा के पास ही होंगे।
यदि अधिकारी का प्रमोशन होने पर पद रिक्त नहीं है तो निचले पद पर ही उत्तम ग्रेड स्केल दे दिया जाएगा। इसके अलावा डीसीएम, डीओएम, डीएमई, डीईएम, डीईई, डीएफएम के तबादले संबंधी फाइलें भी अब रेल राज्यमंत्री को जाएंगी। इसके अलावा रेलमंत्री ने रेल बजट 2015-16 में जो घोषणाएं कर रखी हैं उनकी समीक्षा का अधिकार भी सौंपा गया है।
यात्री व मालगाड़ी के समय को लेकर जवाबदेही, कर्मचारियों के इंसेंटिव, रेलवे मंे टिकट चेकिंग, ट्रेनों के संचालन, कर्मचारियों व अधिकारियों की शिकायतें, वेलफेयर योजनाएं, वेतन आयोग संबंधी केस, डीएंडएआर संबंधी केसों की फाइलें जो रेलमंत्री के माध्यम से राष्ट्रपति को जाती हैं वे राज्यमंत्री के माध्यम से जाएंगी। विदेश में लड़े जाने वाले केसों के संबंध में बढ़ी फीस के लिए फाइल भी मनोज सिन्हा के पास जाएगी।
संसद में भी सवालों पर भी जवाबदेही
महकमे संबंधी लोकसभा व राज्यसभा में जो भी सवाल उठेंगे उनका जवाब देने का अधिकार भी रेल राज्यमंत्री को मिल गया है। हालांकि, अति संवेदनशील (तारांकित ) सवालांे का जवाब रेलमंत्री सुरेश प्रभु को ही देने होंगे।