आपदा में मारे गए लोगों की याद में बनेगा स्मारक
केदारनाथ आपदा की बरसी पर सोमवार को उत्तराखंड में कई जगहों पर श्रद्धांजलि सभाओं का आयोजन किया गया। केदारनाथ पैदल मार्ग पर स्थिति रामबाड़ा में आपदा में मारे गए लोगों की याद में स्मारक की आधारशिला रखी गई। राज्य के कैबिनेट मंत्री हरक सिंह रावत ने कहा कि स्मारक जल्द ही तैयार कर लिया जाएग
जागरण संवाददाता, देहरादून। केदारनाथ आपदा की बरसी पर सोमवार को उत्तराखंड में कई जगहों पर श्रद्धांजलि सभाओं का आयोजन किया गया। केदारनाथ पैदल मार्ग पर स्थिति रामबाड़ा में आपदा में मारे गए लोगों की याद में स्मारक की आधारशिला रखी गई। राज्य के कैबिनेट मंत्री हरक सिंह रावत ने कहा कि स्मारक जल्द ही तैयार कर लिया जाएगा।
केदारनाथ मंदिर में शांति पाठ व बदरीनाथ मंदिर के मुख्य द्वार पर 108 दीप प्रज्ज्वलित किए गए। विभिन्न शहरों में कैंडल मार्च व मौन जुलूस निकाले गए।
गौरतलब है कि एक साल पहले केदारनाथ में आए सैलाब से सर्वाधिक नुकसान रामबाड़ा में हुआ था। कभी यात्रा के प्रमुख पड़ाव रहे रामबाड़ा में प्रदेश सरकार की ओर से कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इसमें मौजूद मंत्री हरक सिंह रावत, कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष किशोर उपाध्याय व स्थानीय विधायक शैलारानी रावत ने स्मारक स्थल पर पुष्प चक्र अर्पित किए। उधर, केदारनाथ मंदिर में वेदपाठियों ने शांति पाठ का आयोजन किया। मंगलवार तक चलने वाले इस पाठ में देश के विभिन्न भागों से आए लापता लोगों के परिजनों ने भी भाग लिया।
त्रासदी में मारे गए लोगों की आत्मा की शांति के लिए अगस्त्यमुनि में अष्टोत्तदश (108) महापुराण यज्ञ शुरू किया गया है। कथा वाचक व्यासपीठ आचार्य शिव प्रसाद मंमगाई ने कहा कि मृतकों की आत्माओं की शांति के लिए भागवत कथा का आयोजन जरूरी है।
मृतकों के आश्रितों को मिलेगी सरकारी नौकरी
केदारनाथ आपदा में मृत व लापता हुए लोगों के आश्रितों को उत्तराखंड सरकार बड़ी राहत देने जा रही है। सरकार ने इस आपदा में मृत व लापता स्थानीय लोगों के एक-एक आश्रित को सरकारी नौकरी व हर परिवार को दो-दो लाख रुपये की अतिरिक्त मदद देने का निर्णय किया है। इसके अलावा भराड़ीसैंण में प्रस्तावित सचिवालय के विभिन्न ब्लॉकों व भवनों के नाम आपदा में प्रभावित क्षेत्रों व गांवों के नाम पर रखने का फैसला लिया गया है।
प्रदेश सरकार की ओर से मीडिया समन्वयक सुरेंद्र कुमार ने यह जानकारी दी। जून 2013 में आए आपदा में 169 लोगों की मौत की पुष्टि हुई थी, जबकि 4021 लोग लापता हो गए थे। इनमें उत्तराखंड के 846 लोग शामिल थे। इससे पहले मृतकों व लापता लोगों के परिजनों को सरकार की ओर से पांच-पांच लाख रुपये की अनुग्रह राशि दी गई थी।
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