ईएसी का सुझाव, बेहतर प्रदर्शन वाले राज्यों को मिले विशेष प्रोत्साहन
ईएसी की तरफ से जारी बयान में कहा गया है कि बेहद दूरगामी असर वाले सुझावों पर सहमति बनी है।
जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। प्रधान मंत्री ने आर्थिक सलाहकार परिषद (ईएसी) का गठन थोड़ी देर से ही किया लेकिन इसके काम करने की गति काफी तेज है। शुक्रवार को अध्यक्ष बिबेक देबराय की अध्यक्षता में ईएसी की दूसरी बैठक हुई लेकिन इसमें जिन मुद्दों पर फैसला किया गया है कि वह आने वाले दिनों में समाजिक व आर्थिक विकास से जुड़े कार्यक्रमों के क्रियान्वयन में बड़ा बदलाव कर सकता है।
ईएसी ने सुझाव दिया है कि शिक्षा व स्वास्थ्य जैसे समाजिक क्षेत्रों में बेहतरीन प्रदर्शन करने वाले राज्यों को अलग से प्रोत्साहन देने की व्यवस्था होनी चाहिए। शुक्रवार की बैठक में 15वें वित्त आयोग के गठन के ढांचे को भी अंतिम रूप दिया गया।
ईएसी की तरफ से जारी बयान में कहा गया है कि बेहद दूरगामी असर वाले सुझावों पर सहमति बनी है। सरकार के समाजिक विकास से जुड़े से कार्यक्रम समाज के अंतिम सिरे तक पहुंच रही है या नहीं और अगर पहुंच रही है तो इसका जमीनी असर क्या हो रहा है, इसे नापने की एक व्यवस्था की जा रही है। इसके लिए ईएसी इकोनॉमिक ट्रैकिंग मॉनीटर का डिजाइन तैयार कर रहा है। आज की बैठक में रोजगार सृजन के मुद्दे पर भी काफी गहनता से विचार किया गया।
परिषद ने देश के स्वर्ण बाजार को मजबूत और पारदर्शी बनाने के सुझावों पर भी विचार किया गया है। डॉ. देबराय ने अपने प्रजेंटेशन में ढांचागत परियोजनाओं को वित्त सुविधा उपलब्ध कराने के लिए क्या क्या कदम उठाये जा सकते हैं। उनके बाद नीति आयोग के सदस्य डॉ. वी के पाल ने वर्ष 2022 तक देश के हर नागरिक को बेहतरीन स्वास्थ्य सेवा पहुंचाने के रोडमैप पर अपना प्रजेंटेशन दिया।
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