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जल्द जब्त होगी सोशल ट्रेड के नाम पर ठगनेवाले अनुभव मित्तल की काली कमाई

2जी स्पेक्ट्रम और कोयला घोटाले जैसे मामलों की जांच करने वाले ईडी के संयुक्त निदेशक राजेश्वर सिंह इसकी निगरानी कर रहे हैं।

By Rajesh KumarEdited By: Published: Thu, 30 Mar 2017 08:39 PM (IST)Updated: Fri, 31 Mar 2017 01:52 AM (IST)
जल्द जब्त होगी सोशल ट्रेड के नाम पर ठगनेवाले अनुभव मित्तल की काली कमाई

नीलू रंजन, नई दिल्ली। प्रवर्तन निदेशालय जल्द ही लुभावनी स्कीमों के सहारे साढ़े छह लाख लोगों से 3700 करोड़ रुपये उगाहने वाले अनुभव मित्तल की संपत्तियों को जब्त करने जा रहा है। ईडी ने मित्तल की 600 करोड़ रुपये से अधिक की संपत्ति की पहचान कर ली है और अन्य संपत्तियों की पहचान की जा रही है। एक वरिष्ठ अधिकारी के अनुसार पोंजी स्कीम के माध्यम से बनाई गई सभी संपत्तियों को धीरे-धीरे जब्त किया जाएगा।

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दरअसल अनुभव मित्तल के खिलाफ उप्र एटीएस की जांच शुरू होने के बाद प्रवर्तन निदेशालय ने भी मनी लांड्रिंग रोकथाम कानून के तहत जांच शुरू कर दी थी। 2जी स्पेक्ट्रम और कोयला घोटाले जैसे मामलों की जांच करने वाले ईडी के संयुक्त निदेशक राजेश्वर सिंह इसकी निगरानी कर रहे हैं। केस दर्ज करने के बाद ईडी ने नोएडा, गाजियाबाद और कानपुर में छापा मारा था। वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि अनुभव मित्तल ने लुभावने वायदे से जुटाए गए खरबों रुपये को कई नामी-बेनामी संपत्तियों में निवेश कर रखा है और इनकी पहचान की जा रही है। अब तक उसकी 600 करोड़ रुपये की अधिक की ऐसी संपत्तियों का पता लग चुका है और उन्हें जल्द ही जब्त कर लिया जाएगा।

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दरअसल अनुभव मित्तल एबलेज इंफो सॉल्युशंस, सोशल ट्रेड इंडिया, 3डब्ल्यू डिजिटल और इंटमार्ट इंडिया के नाम से बनाई गई चार कंपनियों के मार्फत निवेशकों से आए पैसे की हेराफेरी करता था। ईडी ने बैंकों से इन सभी कंपनियों के खातों से हुई देन-देन की जानकारी ले ली है। राजेश्वर सिंह ने उसी समय साफ कर दिया था कि उनकी पहली प्राथमिकता नामी-बेनामी संपत्तियों में लगाए गए निवेशकों के धन का पता लगाकर उन्हें जब्त करना है, ताकि आरोपी उसे कहीं और नहीं खपा सकें।

अनुभव मित्तल ने आम निवेशकों का ठगने का अनोखा तरीका ढूंढ निकाला था। वह गूगल और फेसबुक जैसे अंतरराष्ट्रीय सोशल साइट पर वेबपेज लाइक करने के बदले पैसे का लालच देता था। उसने झूठा प्रचारित कर रखा था कि अंतरराष्ट्रीय सोशल साइट इन वेबपेजों के लिए हर लाइक पर छह रूपये का कमीशन देता है, जिनमें से उसकी कंपनी पांच रुपये निवेशकों को दे देती है। लेकिन इन पेजों को लाइक करने का करने का अधिकार उन्ही को मिलता था, जो मित्तल की कंपनियों में निवेश करते थे। पुराने निवेशकों के सहारे नए निवेशकों को फंसाने के लिए उसने कई स्कीम चला रखा था। सोशल साइट्स के बारे में नहीं जानने वाले छोटे-छोटे निवेशक मित्तल के जाल फंसते चले गए और दो-तीन सालों में ही उनसे 3700 करोड़ रुपये जुटा लिया।

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