सोहराबुद्दीन फर्जी मुठभेड़ केसः अमित शाह को सुप्रीम कोर्ट से बड़ी राहत
सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को सोहराबुद्दीन शेख की अतिरिक्त जुडिशल किलिंग मामले में अमित शाह की भूमिका की दोबारा जांच से इनकार कर दिया।
नई दिल्ली(जेएनएन)। उच्चतम न्यायालय ने सोहराबुद्दीन शेख फर्जी मुठभेड़ मामले में भाजपा के अध्यक्ष अमित शाह को आरोपमुक्त किए जाने को चुनौती देने वाली एक याचिका आज खारिज कर दी। पूर्व अफसरशाह और सामाजिक कार्यकर्ता हर्ष मंडेर की ओर से दायर याचिका पर लगभग आधे घंटे तक सुनवाई के बाद न्यायमूर्ति एस ए बोबड़े और न्यायमूर्ति अशोक भूषण की पीठ ने इस मामले को खारिज कर दिया।
मंडेर ने बंबई उच्च न्यायालय के उस आदेश को चुनौती दी थी , जिसके तहत निचली अदालत द्वारा भाजपा अध्यक्ष को आरोप मुक्त किए जाने का फैसला बरकरार रखा गया था। शाह को राहत देते हुए पीठ ने कहा कि जब कोई व्यक्ति वाकई व्यथित हो तो मुद्दा एक अलग रंग लेता है लेकिन जब किसी व्यक्ति का दूर-दूर तक संपर्क न हो और वह मामले को पुनर्जीवित करना चाहता हो तो यह एक अलग मसला है। वरिष्ठ वकील कपिल सिब्बल ने मंडेर का पक्ष रखते हुए कहा कि जनता को यह महसूस होना चाहिए कि कोई भी कानून से ऊपर नहीं है।
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2014 में इस मामले में अमित शाह को क्लीन चिट मिल गई थी। 2005 में सोराबुद्दीन शेख की पुलिस की गोली से जान गई थी। तब अमित शाह गुजरात के गृह मंत्री थे। मुंबई के एक कोर्ट ने कहा कि था सोहराबुद्दीन शेख फर्जी मुठभेड़ मामले में अमित शाह की भूमिका के खिलाफ कोई सबूत नहीं है।
कोर्ट ने यह भी कहा था कि इस जांच में शाह के नाम को राजनीतिक वजहों से शामिल किया गया। 2012 में सीबीआई ने शाह के खिलाफ जांच शुरू की थी। इस जांच में कई पुलिस अफसर भी शामिल थे। अमित शाह पर हत्या और सबूतों को नष्ट करने के आरोप लगे थे।
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