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एक साल बाद बदल रही है यूपी पुलिस

अखिलेश सरकार के एक साल पूरे होने की पूर्व संध्या पर यूपी पुलिस में सुधार के नाम पर कई नये प्रयोग किए हैं। अब हर जिले में अपराध शाखा का गठन होगा और उसके संचालन के लिए एसपी क्राइम तैनात किए जाएंगे। जिलों की एसओजी और एसआइएस का अपराध शाखा में विलय होगा। गंभीर अपराधों की विवेचना के लिए इसी शाखा

By Edited By: Published: Fri, 15 Mar 2013 12:05 PM (IST)Updated: Fri, 15 Mar 2013 12:42 PM (IST)

जागरण ब्यूरो, लखनऊ। अखिलेश सरकार के एक साल पूरे होने की पूर्व संध्या पर यूपी पुलिस में सुधार के नाम पर कई नये प्रयोग किए हैं। अब हर जिले में अपराध शाखा का गठन होगा और उसके संचालन के लिए एसपी क्राइम तैनात किए जाएंगे। जिलों की एसओजी और एसआइएस का अपराध शाखा में विलय होगा।

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गंभीर अपराधों की विवेचना के लिए इसी शाखा को उत्तरदायी बनाया गया है, लेकिन इसका फैसला जिलों के पुलिस अधीक्षकों के विवेक पर होगा। गुरुवार को अपर पुलिस महानिदेशक कानून-व्यवस्था अरुण कुमार ने एनेक्सी के मीडिया सेंटर में पत्रकारों को इस नई व्यवस्था का ब्योरा दिया। अरुण कुमार ने बताया कि यूपी में अपराध शाखा के गठन में दिल्ली, मुंबई और अहमदाबाद की अपराध शाखा का मॉडल अपनाया गया है। उन्होंने बताया कि जिन जिलों में अपर पुलिस अधीक्षक अपराध के पद स्वीकृत नहीं हैं, वहां एक पुलिस उपाधीक्षक को अपराध शाखा की जिम्मेदारी दी जाएगी।

अपराध शाखा के चार अनुभाग बनाए गए हैं। इन अनुभागों में भी कई शाखाएं बनाई गई हैं। इस शाखा को सीबीसीआइडी और अन्य जांच एजेंसियों की तरह ही विवेचना का अधिकार तो मिला है, लेकिन मुकदमा पुलिस थानों में ही पंजीकृत होगा। फर्क इतना होगा कि अपराध शाखा की अलग से जनरल डायरी (जीडी ) होगी और इनकी सभी गतिविधियां प्रतिदिन जीडी में दर्ज की जाएंगी। उन्होंने कहा कि पूर्व में डीजीपी द्वारा कुछ बड़े शहरों में अपर पुलिस अधीक्षक अपराध की नियुक्ति की गई, लेकिन उनके कार्यो में एकरूपता नहीं बन पाई थी, इसलिए अब इनके कार्यो में एकरूपता लाने के लिए गाइड लाइन तैयार कर सभी जोन के आइजी, रेंज के डीआइजी और जिलों के पुलिस प्रभारियों को दिशा निर्देश जारी कर दिए गए हैं। इसी तरह अपराध शाखा में चार यूनिट होंगी और हर यूनिट की कई टीमें बनाई जाएंगी। इन शाखाओं में पुलिस बल आवंटन के लिए ए, बी और सी श्रेणी निर्धारित की गई है।

1- इंटेलीजेंस विंग। 2- डिटेक्शन/इंवेस्टीगेशन विंग। 3- क्राइम मानीटरिंग। 4- आपरेशन विंग। इंटेलीजेंस विंग के अंतर्गत क्रिमिनल इंटेलीजेंस, सर्विलांस होगा, जबकि डिटेक्शन/इंवेस्टीगेशन के अंतर्गत एसआइएस, सीरियस क्राइम यूनिट, फाइनेंसियल फ्राड यूनिट, साइबर क्राइम यूनिट, फील्ड यूनिट व डाग स्क्वॉड और क्राइम मानीटरिंग के अंतर्गत एंटी ह्यूमन ट्रैफिकिंग यूनिट, आर्गनाइज क्राइम यूनिट, डीसीआरबी, जुवेनाइल, नारकोटिक्स और आपरेशन यूनिट के लिए स्वाट टीम बनाई जाएंगी।

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