स्मार्ट सिटी से सुधरेगा डेढ़ करोड़ लोगों का जीवन स्तर
शहरी विकास मंत्रालय ने प्रतिस्पर्धा के आधार पर अब तक 33 शहरों का चयन कर लिया है। इन शहरों में विकास परियोजनाओं पर कार्य शुरु कर दिया है।
नई दिल्ली, जागरण ब्यूरो। देशभर में आगामी पांच सालों में स्थापित होने वाली एक सौ स्मार्ट सिटी से जहां डेढ़ करोड़ लोगों के जीवन स्तर में सुधार आएगा, वहीं लाखों लोगों के रोजी रोजगार के साधन मुहैया होंगे। स्मार्ट सिटी की स्थापना को लेकर निवेशकों ने भी उत्साह दिखाया है। इसके लिए संबंधित शहरों की स्थानीय निकायों को अपनी कार्य प्रणाली में सुधार करना होगा। स्मार्ट सिटी के निर्माण में वहां के लोगों के उत्साह से निवेशकों के लिए अच्छा माहौल तैयार हो रहा है।
केंद्रीय शहरी विकास मंत्रालय ने निवेशकों को सरकार के स्मार्ट सिटी मिशन में निवेश के लिए लगातार प्रोत्साहित कर रहा है। पिछले दिनों एक औद्योगिक संगठन की बैठक में शहरी विकास मंत्री एम. वेंकैया नायडू ने निवेशकों को स्मार्ट सिटी में 50 हजार करोड़ रुपये के निवेश के बेहतर अवसर के बारे में विस्तार से बताया। उन्होंने कहा कि यहां निवेश से स्मार्ट सिटी और निवेशक दोनों लाभ में रहेंगे।
शहरी विकास मंत्रालय ने प्रतिस्पर्धा के आधार पर अब तक 33 शहरों का चयन कर लिया है। इन शहरों में विकास परियोजनाओं पर कार्य शुरु कर दिया है। जून के आखिर तक 27 और शहरों को स्मार्ट सिटी के लिए चुन लिया जाएगा। कुल 60 शहरों को स्मार्ट बनाने की परियोजनाओं को निवेशकों की सख्त जरूरत है।
अगले साल बाकी बचे 40 शहरों को स्मार्ट सिटी के दायरे में ले लिया जाएगा। इससे देश की डेढ़ करोड़ से अधिक आबादी के जीवन स्तर में सुधार आएगा। गुणवत्तायुक्त सेवाओं की एवज में लोग भुगतान करने को तैयार हैं। इसी के मद्देनजर शहरों को स्मार्ट बनाने की योजना तैयार की गई है, जिसमें निजी निवेशकों के साथ वहां रहने वालों की भागीदारी होगी। सरकार की योजना इन सौ स्मार्ट सिटी को मॉडल के तौर पर पेश किया जाएगा। इसकी देखा-देखी दूसरे शहरों के लोग भी अपने शहर को स्मार्ट बनाने की मांग उठाएंगे। हालांकि इसके लिए स्मार्ट सिटी के लोगों को भी स्मार्ट होना होगा।