महागठबंधन में फंसा 'कुर्सी' का पेंच
प्रदेश में हरियाणा जनहित कांग्रेस (हजकां), हरियाणा जनचेतना पार्टी (हजपा) और बसपा के बीच महागठबंधन को लेकर मुख्यमंत्री की कुर्सी का पेंच फंस रहा है। हजकां-हजपा गठबंधन ने बसपा की सभी वर्गो को 20-20 प्रतिशत सीटें देने की शर्त तो मान ली है, लेकिन दोनों ही दल मुख्यमंत्री के पद पर किसी तरह का पुनर्विचार करने को तैयार नही
चंडीगढ़। प्रदेश में हरियाणा जनहित कांग्रेस (हजकां), हरियाणा जनचेतना पार्टी (हजपा) और बसपा के बीच महागठबंधन को लेकर मुख्यमंत्री की कुर्सी का पेंच फंस रहा है। हजकां-हजपा गठबंधन ने बसपा की सभी वर्गो को 20-20 प्रतिशत सीटें देने की शर्त तो मान ली है, लेकिन दोनों ही दल मुख्यमंत्री के पद पर किसी तरह का पुनर्विचार करने को तैयार नहीं हैं। यही कारण है कि तीनों दल एक मंच पर अभी तक नहीं आ पाए हैं।
हजकां अध्यक्ष कुलदीप बिश्नोई और हजपा अध्यक्ष विनोद शर्मा की बसपा के मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार अरविंद शर्मा से लगातार महागठबंधन को लेकर बातचीत चल रही है। विनोद शर्मा ने तो यहां तक कह दिया कि बातचीत से बड़े से बड़े मसले हल होते आए हैं। मुख्यमंत्री की कुर्सी का विवाद भी हल हो जाएगा। हजकां-हजपा ने स्पष्ट कर दिया है कि महागठबंधन होगा तो बसपा को गठबंधन की शर्तो का पालन करना पड़ेगा। कुलदीप बिश्नोई गठबंधन के मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार हैं। अरविंद शर्मा को बसपा ने अपना सीएम पद का उम्मीदवार घोषित किया हुआ है। बसपा के सामने विकल्प खुले हैं। गठबंधन के नेताओं से अरविंद शर्मा सभी मुद्दों पर विस्तार से चर्चा कर सकते हैं। हजकां-हजपा भी महागठबंधन को लेकर चल रहे प्रयासों का अंतिम नतीजा सामने आने का इंतजार कर रहे हैं। दोनों ही दलों ने इसके मद्देनजर अपने उम्मीदवार भी घोषित नहीं किए हैं, चूंकि महागठबंधन होने पर कई सीटों के समीकरण बदलेंगे।
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