शहीद सीओ के पिता ने बहू के दावे पर दाखिल की आपत्ति
शहीद सीओ जियाउल हक की मौत के बाद उनकी शरीके हयात परवीन आजाद व मरहूम के मां-बाप के बीच बीमा धन पर हक को लेकर मचा घमासान बृहस्पतिवार को एक बार फिर नए मोड़ पर पहुंच गया। बीमा धन पर बहू के दावे को चुनौती देते हुए सीओ के पिता शमशुल हक ने कोर्ट में आपत्ति दाखिल की है। इस मामल
देवरिया, जागरण संवाददाता। शहीद सीओ जियाउल हक की मौत के बाद उनकी शरीके हयात परवीन आजाद व मरहूम के मां-बाप के बीच बीमा धन पर हक को लेकर मचा घमासान बृहस्पतिवार को एक बार फिर नए मोड़ पर पहुंच गया। बीमा धन पर बहू के दावे को चुनौती देते हुए सीओ के पिता शमशुल हक ने कोर्ट में आपत्ति दाखिल की है। इस मामले में सुनवाई की अगली तारीख कोर्ट ने 23 सितंबर मुकर्रर की है।
शहीद जियाउल हक ने राघवनगर स्थित भारतीय जीवन बीमा निगम की शाखा नंबर एक से दो पालिसी ली। एक पालिसी में उन्होंने पिता शमशूल हक को नामिनी बनाया, जबकि दूसरी पालिसी में बतौर नामिनी उनके मां का नाम अंकित है। सीओ की मौत के बाद बीमा धन पर जब मृतक के मां-बाप ने दावा किया तो भुगतान रोकने की मांग करते हुए मृतक की पत्नी ने न्यायालय में वाद दाखिल कर दिया। सीओ की पत्नी परवीन का दावा है कि पति की मौत के बाद संपत्ति की मालिक पत्नी होती है न कि मां-बाप। इस दावे पर बृहस्पतिवार को आपत्ति दाखिल करते हुए शमशुल हक ने कहा कि परवीन का दावा स्वीकारने योग्य नहीं है। कारण यह कि उत्तराधिकार कानून के तहत पालिसी धारक की मौत के बाद बीमाधन का भुगतान नामिनी को ही किया जा सकता है। बहरहाल दोनों पक्षों के दावों के मद्देनजर कोर्ट ने सुनवाई की अगली तारीख तय कर दी है।
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