राउरकेला जेल में बंद है मारे गए आतंकियों की महिला साथी
ओडिशा में हुई गिरफ्तारी के बाद से इनके ऊपर देशद्रोह का मुकदमा चल रहा था। जिस कमरे से इन आतंकियों की गिरफ्तारी हुई थी, उसे सुरक्षा एजेंसियों ने सील कर रखा है।
राउलकेला, जागरण संवाददाता। मध्य प्रदेश पुलिस के साथ मुठभेड़ में मारे गए सिमी के आठ आतंकियों में से चार को फरवरी 2016 में ओडिशा के सुंदरगढ़ जिले के राउरकेला में गिरफ्तार किया गया था। इन चारों के साथ पकड़ी गई महिला आतंकी नजमा अब भी राउरकेला जेल में बंद है। एनकाउंटर में आतंकियों के मारे जाने की सूचना के बाद सुरक्षा कारणों से राउरकेला में अलर्ट जारी कर दिया गया है।
ओडिशा में हुई गिरफ्तारी के बाद से इनके ऊपर देशद्रोह का मुकदमा चल रहा था। जिस कमरे से इन आतंकियों की गिरफ्तारी हुई थी, उसे सुरक्षा एजेंसियों ने सील कर रखा है। इन आतंकियों को गिरफ्तार करने के बाद एटीएस सबको पूछताछ के लिए अपने साथ ले गई थी। उसके बाद से इन्हें एनआइए और फिर मध्यप्रदेश पुलिस को सौंप दिया गया था। पिछले कई महीने से राउरकेला कोर्ट की ओर से समन जारी होने के बाद भी इन्हें पेश नहीं किया जा रहा था।
आंध्र प्रदेश में भी रह चुके थे आतंकी
आतंकियों ने इस बात की भी जानकारी दी थी कि 2013 में जेल से फरार होने के बाद उन्होंने आंध्र प्रदेश में एक घर किराए पर ले रखा था। इसका किराया वह अब भी चुका रहे थे। सिमी के ये आतंकी अपने हर मकसद को पूरा करने के लिए बैंक लूट की घटनाओं को अंजाम देते थे। आतंकियों ने सूरत ब्लास्ट, पुणे ब्लास्ट, चेन्नई ब्लास्ट और बिजनौर ब्लास्ट में अपनी संलिप्तता स्वीकार की थी। इसके अलावा ये भोपाल, रतलाम व तेलंगाना में बैंक लूट की घटनाओं में भी शामिल रहे थे।
माचिस की तीलियों से बम बनाने में माहिर थे चारों आतंकी
राउरकेला से गिरफ्तार हुए इन चार आतंकियों ने ओडिशा पुलिस को पूछताछ में बताया था कि वे माचिस की तीलियों के बारूद से बम बनाने में माहिर हैं। इस प्रयोग को अमल में लाने के दौरान उत्तरप्रदेश में एक बार बड़ा विस्फोट हो गया था, जिस कारण उनकी साजिश विफल हो गई थी। इन आतंकियों ने अपने मंसूबों को अंजाम देने के लिए बड़े पैमाने पर माचिस की डिब्बियों की खरीद की थी।
खंडवा मॉडयूल से जुड़े थे तार
आतंकियों ने स्वीकार किया था कि पकड़े गए सभी लोग सिमी के खंडवा मॉड्यूल के सदस्य थे। सिमी पर प्रतिबंध के बाद संगठन के बाकी बचे सभी सदस्य अलग-अलग मॉड्यूल बनाकर एक दूसरे से संपर्क में रहते थे। आतंकियों ने यह भी खुलासा किया कि पटना में बम विस्फोट के बाद जांच एजेंसियों की बढ़ी सक्रियता को देखते हुए उनके साथियों ने उन्हें बिहार जाने से रोका था।
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