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जेडीयू नेता शरद यादव आज कर सकते हैं बड़ा ऐलान, नीतीश कुमार देंगे चुनौती

शरद यादव यह शक्ति प्रदर्शन उनकी पार्टी के अध्यक्ष नीतीश कुमार के भाजपा के साथ शामिल होने के निर्णय के खिलाफ होगा।

By Ravindra Pratap SingEdited By: Published: Wed, 16 Aug 2017 04:50 PM (IST)Updated: Thu, 17 Aug 2017 08:30 AM (IST)
जेडीयू नेता शरद यादव आज कर सकते हैं बड़ा ऐलान, नीतीश कुमार देंगे चुनौती

जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली । नीतीश कुमार के भाजपा से हाथ मिलाने से नाराज जनतादल यूनाइटेड के वरिष्ठ नेता शरद यादव ने विपक्षी दलों को इकठ्ठा कर अपना सियासी दम दिखाने का फैसला किया है। इस कसरत के तहत शरद ने 'साझी विरासत बचाओ सम्मेलन' के लिए विपक्ष की 17 पार्टियों के नेताओं की गुरूवार को बैठक बुलाई है। जदयू में फूट को हवा देने और शरद के पीछे खड़े होने का संदेश देने के लिए विपक्ष के बडे नेता इस सम्मेलन में शरीक होंगे। विपक्षी नेताओं को साझी विरासत बचाओ सम्मलेन के बहाने जुटाने की अपनी पहल में बड़े नेताओं के शामिल होने का दावा खुद शरद ने किया।

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इस बारे में पत्रकारों से रूबरू होते हुए शरद यादव ने कहा कि पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह, एचडी देवेगौड़ा और कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी के इसमें मौजूद रहने की संभावना है। जदयू के असंतुष्ट नेता ने सम्मेलन में शामिल होने वाले अन्य दलों के नेताओं का नाम नहीं लिया। मगर माना जा रहा कि नीतीश कुमार को जदयू और बिहार में सीधी राजनीतिक चुनौती दे रहे शरद के हाथ मजबूत करने को माकपा नेता सीताराम येचुरी, भाकपा के डी राजा के साथ राजद, सपा, बसपा, तृणमूल कांग्रेस समेत कई दलों के नेता सम्मेलन में शरीक होंगे। कांग्रेस की ओर से राहुल गांधी के शामिल होने की औपचारिक पुष्टि नहीं की गई थी।

हालांकि पार्टी शरद को ताकत देने और विपक्षी एकजुटता की बुनियाद दुरूस्त करने के लिए अपने वरिष्ठ नेताओं गुलाम नबी आजाद और अहमद पटेल को तो भेजेगी ही। विपक्षी दलों को इस सम्मेलन के जरिए एकजुट करने की अपनी कोशिश को जायज ठहराते हुए शरद यादव ने कहा कि देश के हालात इस समय बेहद गंभीर हैं। संविधान और साझी विरासत पर प्रहार किया जा रहा है और लोग भय के माहौल में जी रहे हैं। दलित, आदिवासी, किसान और बेरोजगार युवा न केवल मुश्किल दौर से गुजर रहे हैं बल्कि उन्हें आगे की उम्मीद भी नहीं दिख रही है।

नीतीश के फैसले का विरोध करने की वजह से राज्यसभा में जदयू नेता पद से हटाए गए शरद यादव ने कहा कि यह लड़ाई किसी व्यक्ति विशेष के खिलाफ नहीं बल्कि संविधान और हमारी विविध संस्कृति को बचाने की है। उन्होंने कहा कि इस लड़ाई को सभी विपक्षी दलों के साथ लोगों को भी एकजुट होकर लड़ना पड़ेगा। शरद ने नीतीश को लेकर पूछे गए किसी सवाल का जवाब नहीं दिया। जदयू की 19 अगस्त को होनेवाली राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक में शामिल होने के सवाल को भी वह यह कहते हुए टाल गए कि आपको उसी दिन पता चल जाएगा।-

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