देश में पहली बार गैंगरेप के दोषियों को मिली फांसी की सजा
महालक्ष्मी स्थित शक्ति मिल में गैंगरेप की दो वारदातों को अंजाम देने वाले तीन दोषियों को शुक्रवार को स्थानीय अदालत ने मृत्युदंड की सजा सुनाई है। इस मामले में अदालत ने रेप के कई मामले में दोषी पाए जाने से जुड़े नए कानून के तहत पहली बार सजा सुनाई। 22 अगस्त, 2013 को शक्ति मिल के सुनसान खंडहर में एक महिला फोटो पत्रकार
मुंबई। महालक्ष्मी स्थित शक्ति मिल में गैंगरेप की दो वारदातों को अंजाम देने वाले तीन दोषियों को शुक्रवार को स्थानीय अदालत ने मृत्युदंड की सजा सुनाई है। इस मामले में अदालत ने रेप के कई मामले में दोषी पाए जाने से जुड़े नए कानून के तहत पहली बार सजा सुनाई। 22 अगस्त, 2013 को शक्ति मिल के सुनसान खंडहर में एक महिला फोटो पत्रकार के साथ गैंगरेप करने वाले विजय जाधव, कासिम बंगाली एवं सलीम अंसारी को भारतीय दंड विधान की धारा 376 (ई ) के तहत फांसी सुनाई गई।
दोषियों को मिली सजा पर खुशी का इजहार करते हुए सरकारी वकील उज्जवल निकम ने इसे सच्चाई की जीत बताया है। वहीं इसी मामले में राज्य के गृह मंत्री ने दोषियों को मिली सजा पर खुशी जताई है। उन्होंने उम्मीद जताई कि इस सजा के बाद इस तरह के अपराधों में कमी आएगी।
सजा सुनाते हुए न्यायालय ने कहा कि इस मामले में किसी तरह की उदारता दिखाना कानून का उपहास उड़ाना होगा। अदालत के अनुसार इस मामले में आजीवन कारावास की सजा अपर्याप्त होगी। इससे समाज का नुकसान हो सकता है। 16 दिसंबर, 2012 को दिल्ली में हुए निर्भया कांड के बाद कानून में संशोधन कर रेप जैसे अपराध के आदी दोषियों के लिए आइपीसी की धारा 376(ई) के तहत कम से कम जीवनपर्यत कारावास अथवा मृत्युदंड का प्रावधान किया गया है।
कानून में हुए उक्त संशोधन के बाद यह पहला अवसर है, जब मुंबई के शक्ति मिल गैंगरेप मामले में इस कानून का इस्तेमाल करते हुए अदालत ने तीन दोषियों को मृत्युदंड की सजा सुनाई है। गुरुवार को नई धारा के तहत तीनों आरोपियों को दोषी करार देते हुए सत्रन्यायालय की प्रधान न्यायाधीश शालिनी फनशाल्कर जोशी ने कहा था कि तीनों आरोपियों पर बढ़ाकर लगाई गई धारा न सिर्फ इन्हें सजा देने के लिए है, बल्कि समाज में इनके जैसे लोगों को कड़ा संदेश देने के लिए भी है।
उक्त तीनों आरोपियों ने 31 जुलाई, 2013 को शक्ति मिल परिसर में ही एक कॉलसेंटर कर्मी के साथ गैंगरेप किया था। उसके बाद 22 अगस्त को इसी स्थान पर तीनों ने दो अन्य लोगों के साथ मिलकर एक महिला पत्रकार को भी अपना शिकार बनाया। पहले मामले में तीनों को जीवनपर्यत सजा सुनाए जाने के बाद अभियोजन पक्ष के वकील उज्जवल निकम ने अदालत से नई धारा के तहत तीनों के लिए मृत्युदंड की मांग की थी।
इसी मामले के चौथे आरोपी सिराज रहमान को अदालत ने जीवन पर्यत कारावास की सजा सुनाई है। जबकि पांचवा आरोपी नाबालिग है। उस पर बाल अदालत में मुकदमा चल रहा है। मृत्युदंड की सजा पाए तीनों आरोपियों को महिला पत्रकार से पहले कॉलसेंटर कर्मी के साथ किए गए दुष्कर्म मामले में आइपीसी की धारा 376 (डी) के तहत 20 मार्च को ही जीवनपर्यत कारावास की सजा सुनाई जा चुकी है।
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