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गोवा और पंजाब में आप पार्टी का आशानुरुप प्रदर्शन नहीं, राष्ट्रीय पार्टी बनने की उम्मीदों को झटका

अरविंद केजरीवाल गोवा अौर पंजाब में सरकार बनाने का दावा ठोक रहे थे। दोनों राज्यों में पार्टी के खराब प्रदर्शन से अाप कार्यकर्ताअों में जहां निराशा है वहीं दिल्ली पार्टी दफ्तर में सन्नाटा पसरा है।

By Sanjeev TiwariEdited By: Published: Sat, 11 Mar 2017 10:51 AM (IST)Updated: Sat, 11 Mar 2017 03:14 PM (IST)
गोवा और पंजाब में आप पार्टी का आशानुरुप प्रदर्शन नहीं, राष्ट्रीय पार्टी बनने की उम्मीदों को झटका

नई दिल्ली। पंजाब और गोवा विधानसभा चुनाव के नतीजों से आम आदमी पार्टी (आप) को करारा झटका लगा है। आप पार्टी आशानुरुप प्रदर्शन नहीं कर सकी। पार्टी के इस प्रदर्शन की वजह अति आत्मविश्वास को बताया जा रहा है। साथ ही जमीनी संगठन की कमियां भी पार्टी की हार की जिम्मेदार रही।

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पंजाब में पार्टी के पक्ष में अनुकूल माहौल होने के बावजूद पार्टी अपनी जीत सुनिश्चित करने में नाकामयाब रही। पार्टी ने गोवा चुनावों को पूरे ताकत से लड़ा। लेकिन उसे यहां से जीत की ज्यादा उम्मीद नहीं थी। लेकिन जिस तरह उसे पंजाब में हार का मुंह देखना पड़ रहा है। वो पार्टी के लिए एक बड़ा नुकसान है। वहीं जिस तरह से कांग्रेस पार्टी सत्ता में आयी है। उससे ऐसा प्रतीत हो रहा है कि पंजाब चुनाव में भ्रष्टाचार मुद्दा नहीं रहा। वहीं अगर पंजाब चुनाव में नशा मुद्दा रहा तो ऐसा लगता है कि उसे कांग्रेस पार्टी ने ज्यादा बेहतर तरीके से अपने पक्ष में भुनाया।

पंजाब और गोवा के चुनाव परिणामों के बाद आप पार्टी का क्षेत्रीय पार्टी से राष्ट्रीय पार्टी बनने का सपना फिलहाल के लिए चकनाचूर हो गया है। वाजिब है कि राष्ट्रीय पार्टी बनने के लिए लोकसभा चुनाव में तीन अलग-अलग राज्यों में कम से कम 11 सीट जीतना जरूरी होता है।

साथ ही लोकसभा चुनावों के अलावा कम से कम चार विधान सभा चुनावों में कुल वैध मतों के 6 प्रतिशत वोट और चार संसदीय सीट जीतना अनिवार्य है। हालांकि पार्टी आगे अब गुजरात, मध्य प्रदेश जैसे राज्यों पर अपना फोकस करना चाहेगी। पार्टी की ओर से इन राज्यों के चुनावी प्रचार में दिल्ली के विकास मॉडल और क्षेत्रीय मुद्दों पर उठाया जा सकता है।

पांच राज्‍यों में विधानसभा चुनाव खत्‍म होने के बाद अब बारी रिजल्‍ट की है। मतदान खत्‍म होने के बाद आए एग्जिट पोल के नतीजों ने आंकड़े पेश किए हैं उनमें सबसे दिलचस्‍प आंकड़ा पंजाब का है, जहां पर सभी मान रहे हैं कि आम आदमी पार्टी (आप) और कांग्रेस में कांटे की टक्‍कर है। कुछ एग्जिट पोल के रिजल्‍ट राज्‍य में आप को ही नंबर वन पार्टी का दर्जा दे रहे हैं। एग्जिट पोल के यह आंकड़े अगर जमीन पर पूरी तरह से सही न भी हुए तो भी इतना जरूर होगा कि आम आदमी पार्टी राज्‍य में अपनी जबरदस्‍त दस्तक देने वाली है। यही वह वजह है जिसने पंजाब के चुनावी मुकाबले को उत्‍तर प्रदेश से भी ज्यादा दिलचस्प बना दिया है।

राष्‍ट्रीय पार्टियों के लिए बन रही खतरा

दिल्‍ली में धमाकेदार शुरुआत के बाद सत्‍ता पर काबिज होने वाली 'आप' अब राष्‍ट्रीय पार्टियों के लिए खतरा बनती जा रही है। आप ने दिल्‍ली में से न सिर्फ वर्षों तक सत्‍ता में रही कांग्रेस और भाजपा को साफ कर दिया बल्कि आमजन को एक मजबूत विकल्‍प भी दिया है। 'आप' पहली ऐसी पार्टी है सियासत के मैदान में कुछ वर्षों पहले ही उतरी है इतनी धूम मचाई है। दिल्‍ली की सत्‍ता पर ऐसी पार्टी का काबिज होना अपने आप में काफी अहम है। इतना ही नहीं जिस तरह से 'आप' दिल्‍ली से निकलकर दूसरे राज्‍यों में दस्‍तक दे रही है, संभव है कि आने वाले कुछ समय में वह राष्‍ट्रीय पार्टी का दर्जा प्राप्‍त कर ले। पंजाब के अलावा इस बार 'आप' गोवा के चुनावी मैदान में उतरी है। आने वाले समय में वह खुद को गुजरात समेत राजस्‍थान में भी आजमाएगी। पंजाब की सफल मुहिम से उसको अन्‍य जगहों पर पांव फैलाने में मदद भी जरूर मिलेगी।

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