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अलगाववादियों की नजरबंदी हटी, गिलानी अभी भी नजरबंद, आसिया भूमिगत

पाकिस्तान के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार सरताज अजीज से प्रस्तावित मुलाकात से पहले कश्मीर में सभी प्रमुख अलगाववादी नेताओं को नजरबंद बनाए जाने से हुई किरकिरी के बाद जम्मू-कश्मीर सरकार ने कट्टरपंथी गिलानी को छोड़कर अन्य सभी को रिहा कर दिया है। जम्मू-कश्मीर लिबरेशन फ्रंट (जेकेएलएफ) के चेयरमैन मुहम्मद यासीन मलिक

By Kamal VermaEdited By: Published: Thu, 20 Aug 2015 10:08 AM (IST)Updated: Fri, 21 Aug 2015 02:03 AM (IST)

श्रीनगर, जागरण ब्यूरो। पाकिस्तान के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार सरताज अजीज से प्रस्तावित मुलाकात से पहले कश्मीर में सभी प्रमुख अलगाववादी नेताओं को नजरबंद बनाए जाने से हुई किरकिरी के बाद जम्मू-कश्मीर सरकार ने कट्टरपंथी गिलानी को छोड़कर अन्य सभी को रिहा कर दिया है। जम्मू-कश्मीर लिबरेशन फ्रंट (जेकेएलएफ) के चेयरमैन मुहम्मद यासीन मलिक को भी घर भेज दिया गया है। अलबत्ता, आसिया अंद्राबी अभी भी भूमिगत है। अलगाववादियों की नजरबंदी और रिहाई का सियासी ड्रामा लगभग दो घंटे चला।

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बृहस्पतिवार सुबह अलगाववादी नेता मीरवाइज उमर फारूक और अब्बास अंसारी के अलावा शब्बीर शाह, नईम खान, हिलाल वार, कट्टरपंथी हुर्रियत प्रमुख गिलानी के करीबी मुहम्मद अशरफ सहराई व गिलानी के प्रवक्ता एयाज अकबर समेत सभी प्रमुख नेताओं को नजरबंद बना दिया गया। इन सभी के घरों के बाहर पुलिस व सीआरपीएफ के जवान तैनात कर दिए। कट्टरपंथी गिलानी पहले से ही नजरबंद हैं। प्रमुख हुर्रियत नेताओं को नजरबंद बनाने के बाद पुलिस ने जम्मू-कश्मीर लिबरेशन फ्रंट के चेयरमैन मुहम्मद यासीन मलिक को मैसूमा स्थित उनके घर से पकड़कर कोठीबाग पुलिस स्टेशन ले जाया गया। इससे पूर्व तड़के महिला अलगाववादी संगठन दुख्तरान-ए-मिल्लत की प्रमुख आसिया अंद्राबी को पकडऩे के लिए पुलिस ने उनके घर पर दबिश दी, लेकिन वह छापे से पहले ही भूमिगत हो चुकी थीं।

दिल्ली नहीं जाएंगे यासीन मलिक

जेकेएलएफ के चेयरमैन मुहम्मद यासीन मलिक पाकिस्तान के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार सरताज अजीज से नहीं मिलेंगे। अलबत्ता, वह अपने दो वरिष्ठ साथियों गुलाम रसूल ईदी और शौकत बख्शी को उनसे मुलाकात के लिए दिल्ली भेज रहे हैं।


भारत को एतराज नहीं होना चाहिए: मीरवाइज

श्रीनगर। ऑल पार्टी हुर्रियत कांफ्रेंस के उदारवादी गुट के चेयरमैन मीरवाइज मौलवी उमर फारूक ने अपनी नजरबंदी की निंदा करते हुए कहा कि पाकिस्तान के नेताओं व अधिकारियों की हमारी मुलाकात पर भारत सरकार कोई आपत्ति नहीं होनी चाहिए। भारत का एतराज बचकाना है।

पढ़ें: वार्ता से बचने की फिराक में पाक, इसलिए हुर्रियत को फिर दिया न्योता


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