शिवसेना की करनी पर सरकार देगी सफाई
महाराष्ट्र सदन में शिवसेना सांसदों द्वारा एक रोजेदार को जबरन रोटी खिलाने की कोशिश पर उठे सियासी बवाल के बाद सरकार ने सदन में बयान देने का वादा किया है।
नई दिल्ली [जागरण ब्यूरो]। महाराष्ट्र सदन में शिवसेना सांसदों द्वारा एक रोजेदार को जबरन रोटी खिलाने की कोशिश पर उठे सियासी बवाल के बाद सरकार ने सदन में बयान देने का वादा किया है। मामले को लेकर दोनों सदनों में विपक्ष की ओर से हुई मांग के बाद सरकार ने तथ्यों की पड़ताल कर सदन में स्थिति स्पष्ट करने का भरोसा दिया। इस बीच शिवसेना ने आरोपों को सांप्रदायिक रंगत देने की कोशिश करार देते हुए अपने सांसदों का बचाव किया। इस मुद्दे पर उसके सांसदों ने भी कड़ा रुख अपनाते हुए गुरुवार को कहा कि वे रेजिडेंट आयुक्त बिपिन मल्लिक के खिलाफ सांसदों से खराब व्यवहार की विशेषाधिकार समिति से शिकायत करेंगे।
सत्तारूढ़ राजग में सहयोगी शिवसेना के सांसदों पर आरोपों के सहारे सरकार को घेरने की कोशिश में विपक्ष ने गुरुवार को भी संसद के दोनों सदनों में मामला उठाया। राज्यसभा में कांग्रेस व माकपा समेत विपक्षी दलों के हंगामे और सरकार से बयान की मांग के कारण प्रश्नकाल समय से शुरू नहीं हो सका। हालात संभालने की कोशिश में संसदीय कार्यमंत्री वेंकैया नायडू ने ने कहा कि सरकार पूरे तथ्यों की पड़ताल कर शुक्रवार को सदन में आएगी।
नायडू के मुताबिक, यह मामला एक सांसद से जुड़ा है तथा घटना जहां हुई वह एक राज्य सरकार के क्षेत्राधिकार में आता है। केंद्र सरकार घटना से जुड़े सारे तथ्यों का पता लगा रही है और इसकी जानकारी इकट्ठा कर शुक्रवार को सदन के सामने रखेगी। इससे पहले लोकसभा में कांग्रेस नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने मामले को लेकर लोकसभा अध्यक्ष से कांग्रेस पार्टी की ओर से लिखे पत्र पर की गई कार्रवाई के बाबत सवाल उठाए। हालांकि, लोकसभा अध्यक्ष सुमित्रा महाजन ने कहा कि पत्र उनके संज्ञान में है। मामले में तुरंत कार्रवाई नहीं की जा सकती। इस संबंध में सभी पक्षों से बात करनी होगी।
महत्वपूर्ण है कि शिवसेना सांसद राजन विचारे द्वारा महाराष्ट्र सदन कैंटीन में भोजन की गुणवत्ता पर नाराजगी जताते हुए एक मुस्लिम कर्मी को जबरन रोटी खिलाने की कोशिश का वीडियो सामने आया था। बुधवार को मीडिया में सामने आए इस मामले के बाद संसद में भी खूब बवाल हुआ था।
इस बीच महाराष्ट्र सरकार ने इस घटना के बारे में रेजिडेंट कमिश्नर द्वारा तैयार तथ्यात्मक नोट के आधार पर गृह मंत्रालय को प्रारंभिक रिपोर्ट भेजी है। गृह मंत्रालय इस पर कोई कार्रवाई करने के पक्ष में नहीं है। मंत्रालय के एक अधिकारी ने कहा कि पीड़ित या किसी अन्य ने पुलिस के पास कोई शिकायत दर्ज नहीं कराई है, इसलिए गृह मंत्रालय की इसमें कोई भूमिका नहीं है। जब तक औपचारिक रूप से शिकायत दर्ज नहीं होती हम शायद ही कुछ कर सकते हैं।
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