जेएनयू में एससी, एसटी की आरक्षित सीटें नहीं भरती हैं
एक संसदीय समिति ने पाया है कि जवाहर लाल नेहरू (जेएनयू) में एससी और एसटी के लिए आरक्षित कई सीटें खाली रह जाती हैं।
नई दिल्ली। एक संसदीय समिति ने पाया है कि जवाहर लाल नेहरू (जेएनयू) में एससी और एसटी के लिए आरक्षित कई सीटें खाली रह जाती हैं। सीटें खाली पाने के बाद समिति ने विश्वविद्यालय प्रशासन के औपचारिक रवैए की आलोचना की है।
समिति ने कॉलेजों और विश्वविद्यालयों में एससी/एसटी के साथ भेदभाव के खिलाफ अलग से कानून लागू करने का सुझाव दिया है। जेएनयू में आरक्षण नीति लागू करने के बारे में अपनी रिपोर्ट में एससी और एसटी के कल्याण पर समिति ने पाया है कि सहायक प्रोफेसर स्तर पर आरक्षण के बावजूद एससी के 14 और एसटी के 9 पद अभी तक रिक्त हैं।
समिति ने कहा है कि उसे यह भी सूचना मिली है कि प्रोफेसर स्तर के 19 एससी और एसटी के पद खाली पड़े हैं। एसोसिएट प्रोफेसर स्तर के एससी के 40 पद और एसटी के 22 पद खाली हैं। समिति ने इन पदों को शीघ्र भरने पर जोर दिया है।