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माल्या के खिलाफ कसा शिकंजा, ईडी ने दाखिल किया आरोपपत्र

57 पन्नों के आरोपपत्र के साथ 2000 पन्नों के दस्तावेजी सबूत...

By Gunateet OjhaEdited By: Published: Wed, 14 Jun 2017 09:58 PM (IST)Updated: Wed, 14 Jun 2017 09:58 PM (IST)
माल्या के खिलाफ कसा शिकंजा, ईडी ने दाखिल किया आरोपपत्र

जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। विजय माल्या ब्रिटिश अदालत में मिली राहत का भले ही जश्न मना रहे हों, लेकिन भारत में उनके खिलाफ जांच एजेंसियों का शिकंजा कसता जा रहा है। आइडीबीआइ से कर्ज लेकर नहीं चुकाने के मामले की मनी लांड्रिंग के तहत जांच पूरी करने के बाद माल्या के खिलाफ अदालत में आरोपपत्र दाखिल कर दिया है। ईडी ने माल्या पर आइडीबीआइ से मिले 860 करोड़ रुपये के कर्ज में से 423 करोड़ रुपये विदेश भेजने का आरोप लगाया है। इसके साथ ही बैंक अधिकारियों पर किंगफिशर एयरलाइंस के खास्ता आर्थिक हालात के बावजूद इतना बड़ा कर्ज मंजूर करने के लिए आरोपी बनाया गया है।

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ईडी के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि विजय माल्या के खिलाफ आरोपपत्र दाखिल होने के बाद ब्रिटेन से उसके प्रत्यर्पण का भारत का केस और मजबूत हो जाएगा। प्रत्यर्पण के नियम के मुताबिक आरोपी के खिलाफ आरोपपत्र दाखिल होना चाहिए। माल्या के खिलाफ सीबीआइ एक आरोपपत्र दाखिल कर चुकी है। लेकिन समय पर उसे ब्रिटिश अदालत में पेश नहीं किया जा सका था। अब विजय माल्या के खिलाफ सीबीआइ और ईडी का आरोपपत्र एक साथ ब्रिटिश अदालत के सामने पेश किया जाएगा। भारत सरकार पहले से ही विजय माल्या के जल्द प्रत्यर्पण के लिए ब्रिटेन पर राजनयिक दबाव बना रही है।

57 पन्नों की चार्जशीट और उसके साथ लगभग दो हजार पन्नों के दस्तावेजी सबूतों के साथ ईडी ने अदालत में यह साबित करने की कोशिश की है कि किस तरह विजय माल्या ने आइडीबीआइ बैंक के अधिकारियों के साथ मिलीभगत के साथ 860 करोड़ रुपये का कर्ज हासिल करने में सफल रहा था। जबकि उस समय कंपनी की माली हालत ठीक नहीं थी और वह अपना पिछला कर्ज चुकाने की भी स्थिति में नहीं था। इसके लिए ईडी ने आइडीबीआइ बैंक के तत्कालीन अधिकारियों के बयान साथ में लगाया है। ईडी ने आरोप लगाया है कि 860 करोड़ रुपये का कर्ज लेने के बाद विजय माल्या केवल 53 करोड़ रुपये ही चुका पाया और 807 करोड़ रुपये का मूलधन भी बकाया रह गया। बाद बैंक इस कर्ज को एनपीए में शामिल कर दिया।

शराब कारोबारी विजय माल्या पर बैंकों से 9000 करोड़ रुपये का कर्ज लेकर नहीं चुकाने का आरोप है। बैंकों ने आरोप लगाया कि विजय माल्या ने जानबूझकर किंगफिशर एयरलाइंस को दिवालिया होने दिया, ताकि उसे बैंकों से लिए कर्ज को नहीं चुकाना पड़े। जबकि हकीकत यह है कि उसने बैंकों से मिले कर्ज का बड़ा हिस्सा विदेश में दूसरी कंपनियों में ट्रांसफर कर लिया। ईडी के ताजा आरोपपत्र से इसकी पुष्टि होती है। ईडी के अनुसार 860 करोड़ रुपये के आइडीबीआइ बैंक के लोन का लगभग आधा हिस्सा यानी 423 करोड़ रुपये माल्या ने विमानों के रखरखाव के खर्च के नाम पर विदेशी कंपनियों में ट्रांसफर कर लिया था।

जांच एजेंसियों के बढ़ते दबाव के बाद मार्च 2016 में विजय माल्या ब्रिटेन भाग गए थे। एजेंसियों के बार-बार नोटिस के बावजूद हाजिर नहीं होने के आरोप में उन्हें अदालत भगोड़ा घोषित कर चुकी और ईडी उनकी लगभग 9000 करोड़ रुपये की संपत्ति जब्त कर चुका है।

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