Move to Jagran APP

सीसीटीवी, जीपीएस व स्पीड गवर्नर से लैस हों स्कूल बसें : CBSE

सीबीएसई ने निर्देश दिया है कि बच्चों को घर से स्कूल लाने व ले जाने वाली बसों में अनिवार्य रूप से सीसीटीवी कैमरे, जीपीएस और स्पीड गवर्नर (गति नियंत्रक) लगे होना चाहिए।

By Manish NegiEdited By: Published: Sat, 25 Feb 2017 12:25 AM (IST)Updated: Sat, 25 Feb 2017 02:08 AM (IST)
सीसीटीवी, जीपीएस व स्पीड गवर्नर से लैस हों स्कूल बसें : CBSE

नई दिल्ली, प्रेट्र। पिछले महीने उत्तर प्रदेश में एटा के दर्दनाक स्कूल बस हादसे के बाद केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (सीबीएसई) विद्यालय जाने वाले बच्चों की सुरक्षा को लेकर नींद से जागा है। उसने स्कूल बस से विद्यालय जाने वाले छात्रों की सुरक्षा को लेकर ताजा दिशा-निर्देश जारी किया है।

loksabha election banner

सीबीएसई ने निर्देश दिया है कि बच्चों को घर से स्कूल लाने व ले जाने वाली बसों में अनिवार्य रूप से सीसीटीवी कैमरे, जीपीएस और स्पीड गवर्नर (गति नियंत्रक) लगे होना चाहिए। इसके तहत स्कूल बसों की अधिकतम रफ्तार 40 किलोमीटर प्रति घंटे तय होनी चाहिए। उसने चेताया है कि इन निर्देशों का पालन नहीं होने पर विद्यालय प्रबंधन और प्राचार्य जिम्मेदार होंगे। स्कूल की मान्यता भी रद हो सकती है।

सीबीएसई ने यह कदम मानव संसाधन विकास मंत्री प्रकाश जावड़ेकर के निर्देश पर उठाए हैं। एटा स्कूल बस हादसे में 12 मासूम छात्रों की दर्दनाक मौत से आहत जावड़ेकर ने सीबीएसई को जरूरी कदम उठाने का निर्देश दिया था। ताजा दिशा-निर्देश के अनुसार, स्कूली बसों के खिड़की के शीशे ठीक तरीके से बंद होने चाहिए। इनमें अधिकतम गति 40 किलोमीटर प्रति घंटे निर्धारित करने वाले स्पीड गवर्नर लगे होने चाहिए। इतना ही नहीं विद्यालय प्रबंधन से यह भी सुनिश्चित करने के लिए कहा गया है कि हर स्कूल बस में जीपीएस व सीसीटीवी कैमरे अनिवार्य रूप से लगे होने चाहिए। स्कूल वाहन को हर हाल में चालू हालत में होना चाहिए। यानी खराब या खटारा वाहनों का स्कूल बस के रूप में इस्तेमाल नहीं किया जाना चाहिए। सीबीएसई के निर्देश के मुताबिक, बसों में अलार्म बेल और साइरन भी जरूर लगे होने चाहिए।

प्रबंधक, प्राचार्य होंगे जिम्मेदार

सीबीएसई ने अपने ताजा दिशा-निर्देश का पालन नहीं करने पर स्कूल प्रबंधकों और प्रधानाचार्यो के लिए चेतावनी भी जारी की है। गाज गिराने की चेतावनी देते हुए कहा है कि बसों के रखरखाव और निर्धारित मानकों पर उनके खरा नहीं उतरने के लिए विद्यायल प्रबंधन और प्रधानाचार्य को जिम्मेदार माना जाएगा। इसमें किसी भी किस्म की कोताही बरतने पर स्कूल की मान्यता व संबद्धता भी रद की जा सकती है।

एक अभिभावक व लेडी अटेंडेंट की मौजूदगी जरूरी

सीबीएसई ने शिक्षा अधिकारियों और प्रबंधन से यह भी सुनिश्चित करने के लिए कहा है कि हर स्कूल बस में कम से कम एक अभिभावक, एक ट्रांसपोर्ट मैनेजर, एक प्रशिक्षित लेडी अटेंडेंट जरूर मौजूद रहे। साथ ही किसी भी आपात स्थिति के सूचना देने के लिए बस में स्कूल की ओर से एक मोबाइल फोन भी जरूर मुहैया कराया जाना चाहिए। साथ ही बस में सवारी करने वाले छात्रों से ड्राइवर के व्यवहार के बारे में जानकारी भी नियमित रूप से मांगी जानी चाहिए।

अब इस बीमारी से ग्रसित छात्र बोर्ड एग्जाम में खा सकेंगे सैंडविच 


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.