स्पीड गवर्नर केस में सुप्रीम कोर्ट ने दस राज्यों को भेजा समन
सार्वजनिक परिवहन की गाड़ियों में स्पीड गवर्नर नहीं होने के कारण दस राज्यों को समन भेजा गया है।
नई दिल्ली(जेएनएन)। देश भर में सार्वजनिक परिवहन की गाड़ियों में स्पीड गवर्नर लगाये जाने की मांग वाली याचिका पर सोमवार को सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुर्इ। कोर्ट ने दस राज्यों के परिवहन सचिवों को मामले पर प्रतिक्रिया नहीं दाखिल करने पर समन जारी किया। दरअसल कोर्ट इस बारे में केन्द्र और राज्यों को पहले ही नोटिस जारी कर चुका है।
SC summons transport secretaries of 10 states for not filing responses to petition on installing speed governors in transport vehicles.
— ANI (@ANI_news) January 16, 2017
लेकिन राज्यों की ओर से मामले को लेकर कोई पहल नहीं की गयी। गौरतलब है कि कोर्ट में दाखिल याचिका में तेज गति से गाड़ियों के चलने को दुर्घटना की बड़ी वजह बताते हुए कई तरह की गाड़ियों में स्पीड गवर्नर लगाये जाने की मांग की गई है।
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वर्ष 2015 में ट्रक, बस, डंपर और मिनी बस जैसे सभी तरह के परिवहन के वाहनों में स्पीड गवर्नर लगाने का निर्देश दिया गया था। जिसकी लिमिट 80 किमी. प्रति घंटा तय की गयी थी। रोड ट्रांसपोर्ट मिनिस्ट्री के मुताबिक स्कूल बस, डंपर और दूसरे भारी सामान ढ़ोने वाले वाहनों की स्पीड 60 किमी. प्रति घंटा वाला स्पीड गवर्नर लगाने का नोटिफिकेशन जारी किया गया था।
हालांकि पुलिस वाहनों, दमकल वाहनों, एंबुलेंस जैसे वाहनों को स्पीड गवर्नर के दायरे से बाहर रखा गया था। मंत्रालय की ओर से स्पीड गवर्नर को मैनफैक्चरिंग यूनिट या फिर डीलर की ओर से लगाया जाना का नोटिस जारी किया था।
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