कावेरी जल विवाद पर सुप्रीम कोर्ट ने फैसला सुरक्षित रखा
सुप्रीम कोर्ट ने कावेरी जल विवाद पर अपना फैसला सुरक्षित रख लिया है। अदालत ने कर्नाटक से तमिलनाडु के लिए रोजाना 2000 क्यूसेक पानी छोड़ने के आदेश को जारी रखने को कहा।
नई दिल्ली, प्रेट्र। सुप्रीम कोर्ट ने कर्नाटक, तमिलनाडु और केरल की ओर से कावेरी जल विवाद न्यायाधिकरण (सीडब्ल्यूडीटी) के खिलाफ दायर पुनर्विचार याचिका पर बुधवार को फैसला सुरक्षित रख लिया। हालांकि तमिलनाडु को रोजना 2,000 क्यूसेक पानी मिलता रहेगा। जस्टिस दीपक मिश्रा, अमिताव राव और एएम खानविलकर की पीठ ने कहा, 'आदेश सुरक्षित रख लिया गया है। अगले फैसले तक 18 अक्टूबर को दिया अंतरिम आदेश जारी रहेगा।'
पीठ ने तीनों राज्यों को 24 अक्टूबर तक जवाब दाखिल करने को कहा है। उसके बाद ही पीठ आदेश जारी करेगी।केंद्र ने अटार्नी जनरल मुकुल रोहतगी के जरिये याचिका पर शुरू में आपत्ति दर्ज कराई थी। उसने दलील दी कि इस मामले में सीडब्ल्यूडीटी अंतिम आदेश दे चुका है, ऐसे में शीर्ष अदालत को न्यायाधिकरण के फैसले के खिलाफ सुनवाई का अधिकार नहीं है।
2007 में सीडब्ल्यूडीटी ने कावेरी बेसिन में 740 अरब क्यूबिक फीट पानी मानते हुए फैसला दिया था। इसके तहत कर्नाटक को प्रति वर्ष 419 अरब क्यूबिक फुट पानी तमिलनाडु को देना था। 270 अरब क्यूबिक फुट पानी कर्नाटक के हिस्से में आना था। केरल को 30 अरब और पुडुचेरी को सात अरब क्यूबिक फीट पानी देने का फैसला दिया गया था।
SC ने कर्नाटक से कहा, अगले आदेश तक तमिलनाडु को पानी देना जारी रखे