सुप्रीम कोर्ट ने ताज महल के पास बन रही पार्किंग को ढहाने का दिया आदेश
भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआइ) की तरफ से वकील ने कहा कि इससे पर्यावरण को खतरा हो सकता है, जिसके मदृदेनजर कोर्ट ने यह फरमान सुनाया।
नई दिल्ली, [माला दीक्षित]। सुप्रीम कोर्ट ने विश्व धरोहर ताजमहल से एक किलोमीटर दूर ताज संरक्षित क्षेत्र में बन रही मल्टी लेवल पार्किंग ढहाने का आदेश दिया है। मंगलवार को मामले में सुनवाई के दौरान यूपी सरकार की ओर से किसी वकील के पेश न होने पर नाराज कोर्ट ने पार्किंग के निर्माण के लिए 11 पेड़ काटने की इजाजत मांगने वाली राज्य सरकार की अर्जी खारिज कर दी और साथ ही बन रही मल्टीलेवल पार्किंग ढहाने का आदेश दे दिया।
#TajMahal कोर्ट ने बन रही मलेटीलेबल पार्किंग चार सप्ताह मे गिराने का दिया आदेश।
— Mala Dixit (@mdixitjagran) October 24, 2017
#TajMahal सुप्रीमकोर्ट ने ताज संरक्षित क्षेत्र मे यूपी टूरिज़म विभाग द्वारा बनाई जा रही पार्किंग ढहाने के दिए आदेश।@JagranNews
— Mala Dixit (@mdixitjagran) October 24, 2017
उत्तर प्रदेश सरकार के पर्यटन विभाग ने सुप्रीम कोर्ट में अर्जी दाखिल कर ताजमहल से एक किलोमीटर दूर ताज संरक्षित क्षेत्र में पूर्वी द्वार पर मल्टी लेवल पार्किंग बनाने के लिए 11 पेड़ काटने की इजाजत मांगी थी। मल्टी लेवल पार्किंग मौजूदा पार्किंग क्षेत्र में ही बन रही थी। मंगलवार को जब राज्य सरकार की अर्जी सुनवाई पर आयी तो प्रदेश की पैरोकारी करने के लिए कोई वकील पेश नहीं था। कोर्ट ने राज्य की ओर से किसी के पेश न होने पर अर्जी खारिज कर दी। इसी दौरान ताजमहल को प्रदूषण से मुक्त करने की याचिकाएं दाखिल करने वाले वकील एमसी मेहता ने कोर्ट को बताया कि सरकार ने मल्टी लेवल पार्किंग का निर्माण शुरू भी कर दिया है। जबकि अभी उसके लिए न तो पर्यावरण मंजूरी ली गई है और न ही कोर्ट द्वारा गठित अधिकारिता समिति (सीईसी) की रिपोर्ट आयी है।
इन दलीलों पर कोर्ट ने कहा कि मामले में पर्यावरण आंकलन और सीईसी की रिपोर्ट होनी चाहिए। मामले की सुनवाई कर रही न्यायमूर्ति मदन बी लोकूर और दीपक गुप्ता की पीठ ने अर्जी खारिज करते हुए बन रही मल्टी लेवल पार्किंग चार सप्ताह में ढहाने का आदेश दे दिया।
जब मल्टी लेवल पार्किंग ढहाने के सुप्रीम कोर्ट के आदेश की मीडिया में आयी खबरों के बाद शाम चार बजे प्रदेश सरकार की एडीशनल एडवोकेट जनरल एश्वर्या भाटी पीठ के समक्ष पेश हुईं और उन्होंने कोर्ट से आदेश वापस लेने की गुहार लगाई। भाटी ने कहा कि राज्य सरकार के वकील कोर्ट में पहुंचने ही वाले थे कि तब तक कोर्ट ने अर्जी खारिज कर दी और पार्किंग ढहाने का आदेश दे दिया। भाटी चाहतीं थी कि कोर्ट पार्किंग ढहाने के आदेश को वापस ले ले या अंतरिम रोक लगा दे लेकिन पीठ ने कोई भी आदेश पारित करने से इन्कार करते हुए भाटी से कहा कि वे मामले को पुन: सूचीबद्ध कर सुनवाई के लिए लगाए जाने की मांग के लिए नयी अर्जी दाखिल करें। अर्जी दाखिल होने के बाद ही उस पर विचार किया जाएगा।
एश्वर्या भाटी ने कोर्ट से बाहर आकर कहा कि पार्किंग ढहाने के लिए चार सप्ताह का समय है उस बीच एक दो दिन में ही प्रदेश सरकार अर्जी दाखिल कर देगी। उनका कहना था कि राज्य सरकार के पास इस मामले में हर तरह की पर्यावरण मंजूरियां हैैं।
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