2016 सिमी एनकाउंट मामले में SC का केंद्र, मध्यप्रदेश सरकार को नोटिस
मध्यप्रदेश पुलिस ने दावा किया था कि भोपाल के सेंट्रल जेल में बंद सिमी के आठ कार्यकर्ता कथित तौर पर दिवाली की रात (30 अक्टूबर) को जेल तोड़कर फरार हुए थे।
नई दिल्ली, एएनआइ। साल 2016 के सिमी कार्यकर्ताओं के एनकाउंटर के मामले में एक नया मोड़ आया है। सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार और मध्यप्रदेश सरकार को विवादों में रहे इस एनकाउंट मामले में नोटिस जारी किया है। नोटिस में सुप्रीम कोर्ट ने पूछा है कि क्यों इस मामले की जांच सीबीई के सुपुर्द की गई।
अदालत ने केंद्र और राज्य सरकार को नोटिस जारी कर पूछा कि क्यों ने मामले की जांच सीबीआई से कराई जाए? दोनों सरकारों को चार सप्ताह के भीतर जवाब देने के निर्देश दिए गए है। बता दें कि कुछ दिनों पहले ही इस मामले के लिये बनाए गए आयोग का कार्यकाल तीन महीने और बढ़ा दिया था। जस्टिस एस के पाण्डे की अध्यक्षता में बने इस आयोग का कार्यकाल दूसरी बार बढ़ाया गया है। अब आयोग को 6 नवंबर तक अपनी रिपोर्ट देनी है।
सिमी के मारे गए कार्यकर्ताओं के परिजनों का आरोप है कि पुलिस ने उनकी नृशंस हत्या की है। परिजनों की याचिका पर ही सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि क्यों न मामले की जांच सीबीआई को सौंप दी जाए?
गौरतलब है कि मध्यप्रदेश पुलिस ने दावा किया था कि भोपाल के सेंट्रल जेल में बंद सिमी के आठ कार्यकर्ता कथित तौर पर दिवाली की रात (30 अक्टूबर) को जेल तोड़कर फरार हुए थे। 31 अक्टूबर को दिन में सेंट्रल जेल से करीब 5 किलोमीटर दूर हुई मुठभेड़ में पुलिस ने सभी आठों आतंकवादियों को मार गिराया था। फरार होने से पहले आठों आतंकियों ने एक जेल गार्ड की भी हत्या की थी।
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