Move to Jagran APP

सुप्रीम कोर्ट ने 26 सप्ताह के भ्रूण को गिराने की नहीं दी इजाजत

महिला के गर्भधारण जारी रखने में जान का किसी तरह का खतरा न होने से सुप्रीम कोर्ट ने 26 सप्ताह के भ्रूण को गिराने की इजाजत नहीं दी।

By Suchi SinhaEdited By: Published: Tue, 28 Feb 2017 03:32 PM (IST)Updated: Tue, 28 Feb 2017 07:40 PM (IST)
सुप्रीम कोर्ट ने 26 सप्ताह के भ्रूण को गिराने की नहीं दी इजाजत

दिल्ली, जेएनएन। सुप्रीम कोर्ट ने 26 सप्ताह के भ्रूण के गिराने की इजाजत देने से उस वक्त इनकार कर दिया, जब मेडिकल बोर्ड की रिपोर्ट में महिला के गर्भधारण जारी रखने में जान को किसी तरह के खतरा होने से इनकार कर दिया गया।

loksabha election banner

दरअसल महिला की ओर से डाउन सिंड्रोम के चलते भ्रूण को गिराने की इजाजत मांगी गयी थी। कोर्ट ने कहा कि यह दुखद है कि बच्चे को मानसिक और शारीरिक तौर पर चुनौतियों को सामना करना पड़ेगा। यह मां और बच्चे दोनों के लिए दुखद है। लेकिन कोर्ट नियमों के आगे मजबूर है। ऐसे में गर्भ को गिराने की इजाजत नहीं दे सकता है।

कोर्ट ने कहा कि अगर बच्चे और माता में किसी एक को भी जान का खतरा होता है, ऐसे में 20 हफ्ते के भ्रूण को गिराया जा सकता है। लेकिन कोर्ट डाउन सिंड्रोम से जूझ रहे गर्भ को गिराने की इजाजत नहीं दे सकता है।

26 हफ्तों की मेडिकल रिपोर्ट के आधार पर दावा किया गया है कि बच्चे को मानसिक और शारीरिक परेशानियों से गुजरना पड़ सकता है। केंद्र की ओर से कोर्ट में कहा गया कि सरकार 24 हफ्तों के गर्भ को चिकित्सीय आधार पर गिराने की अनुमति देने पर विचार कर रहा है। गौरतलब है कि अभी 20 हफ्ते तक के लिए प्रावधान है।

यह भी पढ़ें: चिदंबरम के हालिया बयान पर भाजपा ने कांग्रेस से मांगी सफाई

यह भी पढ़ें: 'विपक्ष को चुप कराने के लिए भाजपा करती है राष्ट्रगान का इस्तेमाल'


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.