SC के न्यायाधीश ने कहा- मनी लांड्रिंग करने वालों को मिले कड़ी सजा
सुप्रीम कोर्ट ने न्यायाधीस जस्टिस चेलामेश्वर ने कहा कि मनी लाउंड्रिंग में फंसे लोगों के खिलाफ ज्यादा से ज्यादा कड़ी सजा का प्रावधान होना चाहिए।
जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। मनी लांड्रिंग में फंसे विजय माल्या जैसे हाईप्रोफाइल लोगों की मुसीबत और बढ़ सकती है। सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीश जस्टिस चेलामेश्वर ने और अधिक कड़ी का सजा के प्रावधान की जरूरत पर बल दिया है। प्रवर्तन निदेशालय के स्थापना दिवस समारोह को संबोधित करते हुए जस्टिस चेलामेश्वर ने कहा कि मनी लांड्रिंग जैसे संगीन अपराध के लिए अधिकतम सात साल की सजा बहुत कम है। वहीं हेलीकाप्टर खरीद घोटाले की ओर इशारा करते हुए वित्त राज्यमंत्री जयंत सिन्हा ने कहा कि जांच एजेंसियां रिश्वतखोरों तक पहुंचने में सक्षम हैं।
मनी लांड्रिंग की तुलना हत्या जैसे अपराध से करते हुए जस्टिस चेलामेश्वर ने कहा कि हत्या जैसे अपराध में केवल एक व्यक्ति और उसके परिवार को नुकसान पहुंचाया जाता है। जबकि मनी लांड्रिंग करने वाले हजारों-लाखों लोगों को नुकसान पहुंचा रहे होते हैं। लेकिन हत्या के लिए तो आजीवन कारावास और फांसी की सजा का प्रावधान है। वहीं मनी लांड्रिंग के दोषियों को कानूनन अधिकतम सात की सजा ही हो सकती है। उन्होंने कहा कि सरकार को इसमें संशोधन कर मनी लांड्रिंग के मामलों में भी आजीवन कारावास जैसी कठोरतम सजा का प्रावधान करना चाहिए।
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समारोह के बाद हेलीकाप्टर घोटाले में सोनिया गांधी की गिरफ्तारी की कुछ दलों की मांग के बारे में पूछे जाने जयंत सिन्हा ने कहा कि जांच एजेंसियां रिश्वतखोरों तक पहुंचने में सक्षम है और इस दिशा में तेजी से जांच चल रही है। उन्होंने कहा कि सीबीआइ और ईडी इस मामले की जांच कर रही है और पैसे की लेन-देन के सबूत जुटाने में लगी है। एक बार सबूत मिलने के बाद आरोपियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
जबकि राजस्व सचिव हसमुख अधिया ने मनी लांड्रिंग के मामले में एक भी व्यक्ति के सजा नहीं होने पर चिंता जताई। उन्होंने कहा कि केवल जांच से ही कुछ हासिल नहीं हो सकता है। एजेंसी को आरोपियों को अदालत से सजा दिलाने में पूरी तत्परता से लगना चाहिए। उन्होंने कहा कि सरकार ईडी में खाली पदों को भरने के लिए पूरी कोशिश कर रही है। अधिया का जबाव देते हुए ईडी निदेशक करनल सिंह ने कहा कि मनी लांड्रिंग नया कानून है और आरोपियों के खिलाफ अदालती कार्रवाई चल रही है। उन्होंने कहा कि ईडी ने जितने लोगों के खिलाफ इस कानून के तहत आरोपपत्र दाखिल किया है, उनमें से एक भी आरोपों से बरी नहीं हुआ है।