जानें, जयललिता की समाधि पर शशिकला ने तीन बार क्यों मारा हाथ
वीके शशिकला ने जयललिता की समाधि पर अचानक तीन बार अपने हाथों से चोट की। उनके समर्थकों के अनुसार, उन्होंने बदले की शपथ ली है।
चेन्नई (जेएनएन)। आत्मसमर्पण के लिए बेंगलुरु जाने से पहले चेन्नई के मरीना बीच पर दिवंगत जयललिता की समाधि पर प्रार्थना करने गयी शशिकला ने कुछ ऐसा किया कि वहां मौजूद लोग कुछ देर तक अचंभित रह गए। यह अचंभा तब खत्म हुआ जब उनके समर्थकों ने बताया कि जयललिता की समाधि पर शशिकला शपथ ले रही थीं।
चौंक गए थे लोग
उन्हें बेंगलुरु के परप्पाना अग्रहरा सेंट्रल जेल में डाला गया है। AIADMK की महासचिव वीके शशिकला आत्मसमर्पण के लिए चेन्नई से बेंगलुरु रवाना होने से पहले पूर्व मुख्यमंत्री जे जयललिता की समाधि पर रुकीं। मरीना बीच स्थित समाधि पर प्रार्थना करते हुए शशिकला ने कुछ ऐसा कर दिया जो सामान्य नहीं था और वहां मौजूद सभी लोग चौंक गए। आंसुओं से भरी आंखों के साथ उनके होंठ बुदबुदा रहे थे, और हाथ से लगातार तीन बार उन्होंने समाधि पर चोट की।
तीन शपथ
शशिकला के समर्थकों का कहना है कि जयललिता की समाधि पर ऐसा कर उन्होंने शपथ लिया है। पार्टी ने ट्वीट कर बताया है कि ‘उन्होंने तीन 1. तमाम बाधाओं 2. साजिशकर्ताओं और 3. षड्यंत्र पर विजय पाने का शपथ लिया।‘
Respected Chinnamma makes a mighty vow at Honourable Amma's memorial.-#AIADMKalwayswithChinnamma
— AIADMK (@AIADMKOfficial) February 15, 2017
विरोधियों का कहना है...
हालांकि शशिकला के विरोधियों का कहना है कि जयललिता के स्मारक पर हाथ मारकर शशिकला ने अपना क्रोध व्यक्त किया है। शशिकला की यह प्रतिक्रिया अचंभित करने वाला था। उस वक्त उनके चेहरे पर गुस्सा, दुख, भय, और हताशा की भावनाएं दिख रही थीं।
चार साल की सजा
मंगलवार को अपना फैसला सुनाते हुए सुप्रीम कोर्ट ने शशिकला को जेल भेजने का आदेश दिया था। जिसके बाद शशिकला ने सुप्रीम कोर्ट से सरेंडर के लिए समय मांगा लेकिन कोर्ट ने इसे खारिज कर दिया और कहा गया कि बेंगलुरु में उन्हें तुरंत सरेंडर करना होगा।
बेंगलुरु के जेल में रहेंगी
आय से अधिक सम्पत्ति मामले में उन्हें चार साल की सजा सुनाई गई है। बेंगलुरू के परप्पाना अग्रहरा सेंट्रल जेल में शशिकला को तीन साल, 11 महीने और 9 दिन बिताने होंगे। इसी केस में वह पहले भी 21 दिन की सजा काट चुकी हैं।
जमीन पर सोकर गुजारी रात
जेल में शशिकला की रात एक आम कैदी की तरह कटी। उन्होंने जमीन पर सोकर रात गुजारी। उन्हें खाने में दो रोटी, चावल और सांभर दिया गया। उन्हें बैरक नंबर दो में रखा गया है, जहां दो अन्य महिला कैदी भी हैं।
जेल में बनाएंगी मोमबत्ती
सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद बुधवार को शशिकला ने सरेंडर किया था। जेल में उनको मोमबत्ती और अगरबत्ती बनाने का काम दिया गया है जिसके लिए उन्हें 50 रुपये की दिहाड़ी मिलेगी।
सुविधाओं की ठुकराई मांग
सुप्रीम कोर्ट ने विशेष सुविधाओं की उनकी मांग भी ठुकरा दी है। आय से अधिक संपत्ति मामले में मंगलवार को सुप्रीम कोर्ट ने सत्र अदालत के फैसले को बहाल कर दिया था।
जिन्हें जया ने निकाला, उन्हें वापस लिया
कोर्ट में आत्मसमर्पण के लिए चेन्नई से चलने से पहले शशिकला ने एक अहम राजनीतिक फैसला लिया। उन्होंने जयललिता द्वारा पार्टी से पांच साल पहले निष्कासित किए गए अपने निकट संबंधियों टीटीवी दिनाकरन और एस. वेंकटेश को फिर से पार्टी में शामिल कर लिया।
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