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पीएमओ की आर्थिक मदद के बावजूद बीमार युवक ने तोड़ा दम

उत्तर प्रदेश के वाराणसी के रहने वाले 33 साल के दलित युवक संतोष कुमार की किडनी के ट्रांसप्लांट ऑपरेशन नहीं होने से मौत हो गई। गौरतलब है कि प्रधानमंत्री कार्यालय ने 5 महीने पहले 2.17 लाख रुपये भेज दिए गए थे, लेकिन आपरेशन के लिए नंबर नहीं आने की वजह

By Shashi Bhushan KumarEdited By: Published: Sat, 04 Jul 2015 02:29 PM (IST)Updated: Sat, 04 Jul 2015 05:34 PM (IST)
पीएमओ की आर्थिक मदद के बावजूद बीमार युवक ने तोड़ा दम


लखनऊ। उत्तर प्रदेश के वाराणसी के रहने वाले 33 साल के दलित युवक संतोष कुमार की किडनी के ट्रांसप्लांट ऑपरेशन नहीं होने से मौत हो गई। गौरतलब है कि प्रधानमंत्री कार्यालय ने 5 महीने पहले 2.17 लाख रुपये भेज दिए गए थे, लेकिन आपरेशन के लिए नंबर नहीं आने की वजह से उसका ऑपरेशन नहीं हो सका और उसकी मौत हो गई। उसकी बहन रीता अपना किडनी देने को तैयार थी। रीता के 3 बच्चे हैं।

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मामला प्रधानमंत्री के निर्वाचन क्षेत्र वाराणसी के रोहनिया का है। प्रधानमंत्री कार्यालय ने फरवरी में संतोष कुमार की किडनी ट्रांसप्लांट के लिए लखनऊ के संजय गांधी पोस्ट ग्रेजुएट इंस्टीट्यूट आफ मेडिकल साइंसेज के खाते में 2.17 लाख रुपये जमा करा दिए थे, लेकिन डॉक्टर्स ने कहा कि ऑपेरशन के लिए उसका नंबर 8 महीने बाद आएगा।


मृतक युवक की बहन रीता के मुताबिक संतोष को इलाज के लिए नवंबर 2014 में लखनऊ लाया गया था। किडनी के ट्रांसप्लांट के लिए डाक्टर्स ने अनुमानित खर्च 4.37 लाख रुपये बताया, लेकिन इतना रुपया संतोष के परिवार के पास नहीं था। इसलिए पीएमओ से अनुरोध किया गया।


पीएमओ से 2.17 लाख रुपये मिले, लेकिन रुपये मिलने के बावजूद संतोष की जान नही बचाई जा सकी। इस घटना ने ना सिर्फ सार्वजनिक स्वास्थ्य सुविधाओं की पोल खोली है, बल्कि सरकारी तंत्र की नाकामी को भी उजागर किया है।

गंभीर चोटों के कारण हुई थी संतोष की मौत


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