'नरसिम्हा राव ने कांग्रेस को नेहरु-गांधी साम्राज्य से मुक्त कराया था'
एक नई किताब के मुताबिक पूर्व प्रधानमंत्री और कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष पीवी नरसिम्हा राव के निधन के समय कांग्रेस पार्टी ने उनके लिए अपने मुख्यालय के दरवाजे बंद कर दिए थे।
नई दिल्ली। पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के मीडिया सलाहकार रहे संजय बारू ने आज कांग्रेस और पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी को लेकर कई खुलासे किए। न्यूज एजेंसी एएनआई को दिए इंटरव्यू में कहा कि 1991 में आई आर्थिक मंदी पर तत्कालीन प्रधानमंत्री राजीव गांधी के राजकोषीय प्रबंधन की कई अर्थशास्त्रियों ने आलोचना की थी।
संजय बारू के मुताबिक विशेषज्ञों ने 1991 में आई आर्थिक तंगी के लिए मुख्य तौर पर दो वजह बताई। पहली ये कि 1985 के बाद राजीव गांधी ने विदेश की आर्थिक नीतियों को अपने देश में लागू किया।
दूसरा वजह ये रही कि नवंबर 1990 में जब वीपी सिंह की सरकार गिरी तो आर वेंकटरमन ने चंद्रशेखर की अल्पसंख्यक सरकार में इस शर्त के साथ शपथ लेने की हामी भरी कि आर्थिक संकट से निपटने के लिए राजीव गांधी को संसद में बजट पेश करने दिया जाएगा।
उन्होंने कहा कि उस समय पर वीपी सिंह की तरफ से राजनीतिक प्रबंधन की समस्या थी जबकि राजीव गांधी की तरफ से आर्थिक प्रबंधन की समस्या थी। बारू के मुताबिक राजीव गांधी ने उन्हें बजट पेश करने को लेकर आश्वस्त किया था मगर बजट पेश होने से एक हफ्ता पहले उन्होंने सरकार से समर्थन वापिस लेने का फैसला कर लिया और चंद्रशेखर को बजट पेश नहीं करने दिया।
संजय बारू के मुताबिक इस एक फैसले की वजह से देश में आर्थिक संकट उत्पन्न हो गया। उन्होंने ये भी कहा कि नरसिम्हा राव कांग्रेस के चुने हुए अध्यक्ष थे जिन्होंने पांच साल तक कांग्रेस पार्टी की कमान संभाली मगर कांग्रेस में उनके साथ बहुत बुरा व्यवहार हु्आ।
बारू के मुताबिक नरसिम्हा राव की जब मृत्यु हुई तो उनके पार्थिव शरीर को कांग्रेस मुख्यालय पर लाने की भी अनुमति नहीं दी गई और ना ही उनका अंतिम संस्कार दिल्ली में किए जाने की अनुमति दी गई।
संजय बारू के मुताबिक नरसिम्हा राव उस समय आर्थिक बदलाव इसलिए कर पाए क्योंकि अटल बिहारी वाजपेयी के नेतृत्व में भाजपा ने उस वक्त उनका साथ दिया।
आपको बता दें कि संजय बारू ने पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के ऊपर एक किताब भी लिखी है जिसका नाम है 'द एक्सिडेंटल प्राइम मिनिस्टर'।
कांग्रेस के बचाव में आए चिदंबरम
पूर्व वित्त मंत्री पी. चिदंबरम ने संजय बारू की किताब के विमोचन पर कांग्रेस का भरपूर बचाव करने की कोशिश की। उन्होंने कहा कि अगर 1991 में राजीव गांधी की हत्या न हुई होती तो वह भी कमोबेश पीवी नरसिम्हा राव की ही तरह आर्थिक सुधारों को आगे बढाते। उन्होंने कहा कि भले ही नरसिम्हा राव 1991 के सुधारों के हीरो थे, लेकिन उन्होंने कांग्रेस पार्टी का बड़ा नुकसान किया। उन्होंने विवादित ढांचे को ढहाए जाने का जिक्र किए बगैर कहा कि राव ने वर्ष 1992 में कई गलतियां कीं जिससे तब की सरकार असहाय हो गई।
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