समझौता विस्फोट के आरोपी असीमानंद सात साल बाद आएंगे जेल से बाहर
2007 समझौता ट्रेन विस्फोट में अदालत से असीमानंद को जमानत मिलने के बाद एनआईए ने अदालत के फैसले का विरोध नहीं किया था।
नई दिल्ली, जेएनएन। साल 2010 के दिसंबर महीने से जेल में बंद स्वामी असीमानंद को मक्का मस्जिद विस्फोट मामले में हैदराबाद की नामपल्ली अदालत से गुरूवार को जमानत मिलने के बाद आज रिहा किया जा सकता है। वह फिलहाल हैदराबाद की चंचलगुड़ा सेंट्रल जेल में बंद है। राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) को शुक्रवार को असीमानंद की जमानत की कॉपी दी जाएगी। जिसके बाद यह फैसला किया जाएगा कि अदालत के फैसले को आगे चुनौती दी जाए या नहीं।
इसी तरह के 2007 समझौता ट्रेन विस्फोट मामले में अदालत से असीमानंद को जमानत मिलने के बाद एनआईए ने अदालत के उस फैसले का कोई विरोध नहीं किया था। असीमानंद इस समझौता विस्फोट केस के मुख्य आरोपियों में से एक थे। उन्हें पंजाब एवं हरियाणा हाई कोर्ट की तरफ से अगस्त 2014 में जमानत मिली थी। समझौते केस में ट्रायल चल रहा है और इस लंबी अवधि के दौरान कई चश्मदीद अपने बयान से मुकर गए। असीमानंद को रिहा किए जाने से पहले जमानत के तौर पर दो अलग-अलग पचास पचास हजार रूपये जमा कराना होगा।
वह समझौता विस्फोट मामले में पहले ही जमानत की राशि दे चुके हैं। इस महीने ही असीमानंद को अजमेर ब्लास्ट केस में भी बरी कर दिया गया था। जयपुर के स्पेशल कोर्ट ने इस मामले में स्वामी समेत 7 आरोपियों को बरी कर दिया था और 3 को दोषी पाकर उम्रकैद की सजा सुनाई गई है। नई राहत के तौर पर असीमानंद को अब मक्का मस्जिद केस में भी बेल मिल गई है। गौरतलब है कि 18 मई, 2007 को हैदराबाद की मक्का मस्जिद में धमाका हुआ था। उस धमाके में 16 लोगों की जान गई थी।