'गीता को पढ़ाना सांप्रदायिक है तो मदरसों में क्यों पढ़ाया जाता है कुरान?'
उन्नाव से भाजपा सांसद सच्चिदानंद हरिसाक्षी महाराज ने नरेंद्र मोदी और अमित शाह को फेल करने की साजिश होने का बयान देकर न सिर्फ भाजपा में गहराए अंतर्विरोध को उजागर किया है बल्कि उपचुनाव में पार्टी की दुर्दशा के लिए प्रदेश नेतृत्व को जिम्मेदार ठहराते हुए कार्रवाई की मांग भी की। गुरुवार शाम यहां पत्रकारों
लखनऊ, राज्य ब्यूरो। उन्नाव से भाजपा सांसद सच्चिदानंद हरिसाक्षी महाराज ने नरेंद्र मोदी और अमित शाह को फेल करने की साजिश होने का बयान देकर न सिर्फ भाजपा में गहराए अंतर्विरोध को उजागर किया है बल्कि उपचुनाव में पार्टी की दुर्दशा के लिए प्रदेश नेतृत्व को जिम्मेदार ठहराते हुए कार्रवाई की मांग भी की।
गुरुवार शाम यहां पत्रकारों से बातचीत में वह पूरे तेवर में दिखे। साक्षी ने प्रदेश भाजपा नेतृत्व के खिलाफ फ्रंट खोला ही, मदरसों व लव जिहाद पर दिए गए विवादित बयानों पर भी कायम रहे। कहा, उपचुनाव में फजीहत के लिए मोदी या शाह को जिम्मेदार ठहराना उचित नहीं। टिकट बंटवारे और प्रचार अभियान में प्रदेश नेतृत्व की भूमिका सही नहीं थी। जिम्मेदार खुद नैतिकता के आधार पर हट जाएं या उनके खिलाफ कार्रवाई हो। नाराज साक्षी यह भूल गए कि प्रदेश प्रभारी का जिम्मा अमित शाह खुद ही संभाले हैं। उन्होंने यह कह डाला कि शाह को यूपी के बारे में अधिक ज्ञान नहीं था इसलिए उन्हें गुमराह कर टिकट गलत दिला दिए और नुकसान उठाना पड़ा। जब उनसे पूछा गया कि लोकसभा चुनाव में जीत का श्रेय शाह को दिया गया तो उपचुनाव में हार के लिए उन्हें क्यों बचा रहे हैं? इस पर साक्षी गोलमोल जवाब देने की कोशिश करते रहे।
मैनपुरी में हार के लिए प्रदेश नेतृत्व पर ठीकरा फोड़ा लेकिन खुद का बचाव किया। सफाई दी कि उनको केवल भौगांव का जिम्मा सौंपा गया। वहां भाजपा सात हजार वोट से जीती। कहा, सबकी सलाह और सबको साथ लेकर उपचुनाव लड़ा जाता तो नतीजे बेहतर ही होते क्योंकि मोदी का जादू कम नहीं हुआ है। हालांकि मुसलमानों की वफादारी को लेकर दिया प्रधानमंत्री का बयान साक्षी ने स्पष्ट नहीं माना। कहा, यह भी देखा जाए कि आखिर मोदी को ऐसा बयान देने की जरूरत क्यूं आ गई? क्योंकि डालडा मिले देशी घी को असली साबित करने के लिए जोर लगाना पड़ता है। आजादी की लड़ाई साथ मिलकर लड़ने वाले मुस्लिमों की निष्ठा को कांग्रेस ने संदिग्ध बनाया है। मदरसों की शिक्षा को लेकर साक्षी ने फिर जहर उगला। कहा, वहां केवल नाकारा बच्चों को ही भेजा जाता है। मुस्लिम अपने काबिल बच्चे अच्छे स्कूलों में भेजते हैं। सवाल उठाया कि जब गीता को पढ़ाना सांप्रदायिक कहा जाता है तो मदरसों में केवल कुरान की शिक्षा क्यों दी जा रही है?
साक्षी से मिले नकवी : साक्षी महाराज से मिलने मुस्लिम काउंसिल के अल्लाम जमील नकवी भी पहुंचे। करीब पौन घंटा दोनों के बीच चली मुलाकात को मुकदमे से संबंधित माना जा रहा है।
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