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नेता विपक्ष पर कोर्ट की टिप्पणी मेरे खिलाफ नहीं : महाजन

इंदौर। लोकसभा में नेता विपक्ष [एलओपी] पद के प्रावधानों की व्याख्या करने के सुप्रीम कोर्ट के फैसले के अगले दिन शनिवार को लोकसभाध्यक्ष सुमित्रा महाजन ने कांग्रेस को एलओपी का पद नहीं दिए जाने के अपने फैसले का बचाव किया। उन्होंने अपने फैसले को नियमों तथा परंपरा आधारित बताते हुए कहा कि इस बारे में सुप्रीम कोर्ट की टिप्पणी उनक

By Edited By: Published: Sat, 23 Aug 2014 07:32 PM (IST)Updated: Sat, 23 Aug 2014 07:32 PM (IST)

इंदौर। लोकसभा में नेता विपक्ष [एलओपी] पद के प्रावधानों की व्याख्या करने के सुप्रीम कोर्ट के फैसले के अगले दिन शनिवार को लोकसभाध्यक्ष सुमित्रा महाजन ने कांग्रेस को एलओपी का पद नहीं दिए जाने के अपने फैसले का बचाव किया। उन्होंने अपने फैसले को नियमों तथा परंपरा आधारित बताते हुए कहा कि इस बारे में सुप्रीम कोर्ट की टिप्पणी उनके खिलाफ नहीं है।

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उन्होंने पत्रकारों से कहा 'सुप्रीम कोर्ट ने लोकपाल की नियुक्ति में एलओपी के नहीं होने को लेकर केंद्र से सवाल पूछा है। अटॉर्नी जनरल सरकार के रख से कोर्ट को अवगत कराएंगे। कोर्ट ने मेरे खिलाफ कोई टिप्पणी नहीं की है।' कांग्रेस नेता को एलओपी का पद नहीं दिए जाने के बारे में लोकसभाध्यक्ष ने कहा 'मैंने यह फैसला नियमों तथा परंपराओं के अध्ययन और विशेषषज्ञों की राय लेने के बाद किया है। किसी भी विपक्षी दल के पास 55 से ज्यादा सीटें नहीं हैं।

आज तक नियम यह है कि एलओपी का दर्जा पाने के लिए पार्टी के पास सदन में न्यूनतम 10 फीसद सीटें हों। इस नियम में अभी कोई बदलाव नहीं हुआ है।'

उन्होंने कहा कि भले ही कोई नेता विपक्ष नहीं हो, लेकिन लोकसभा में विपक्ष मौजूद है तथा अपना काम बखूबी कर रहा है। उन्होंने ध्यान दिलाया कि 1980 तथा 1984 में भी किसी भी दल के पास संख्याबल नहीं होने के कारण नेता विपक्ष नहीं था।

कोर्ट की सक्रियता

सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को लोकपाल समेत अन्य वैधानिक निकायों की नियुक्ति में एलओपी के प्रावधान की व्याख्या करने का फैसला किया है, खासकर जब कोई मान्यता प्राप्त एलओपी नहीं हो। प्रधान न्यायाधीश आरएम लोढा की अध्यक्षता वाली एक पीठ ने एलओपी पद की अहमियत पर जोर देते कहा कि यह सरकार से अलग विचार रखने वालों की आवाज का प्रतिनिधि होता है। कोर्ट ने केंद्र से दो सप्ताह में एलओपी के प्रावधानों पर रख स्पष्ट करने को कहा है। इस मामले में अगली सुनवाई 9 सितंबर को होनी है।

एलओपी के न होने का असर

सरकार ने एलओपी के नहीं होने के कारण केंद्रीय सूचना आयोग [सीआईसी] के नए प्रमुख की नियुक्ति शुक्रवार को स्थगित कर दी। साल 2005 में सीआईसी की स्थापना के बाद से यह पहला मौका है, जब पारदर्शिता पर नजर रखने वाला यह निकाय मुखिया विहीन हुआ हो।


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