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अर्धविक्षिप्त की हत्या कर अपनी कार में जला दिया था आरटीआई कार्यकर्ता ने

अर्धविक्षिप्त आदमी की हत्या कर उसके शव को अपनी कार में चंद्रमोहन ने जला दिया था। यही नहीं बैंगलुर में नितिन शर्मा के नाम से होंडा कंपनी में नौकरी भी कर रहा था। इस पूरे मामले में उसका एक रिश्तेदार उसके साथ मिला हुआ था जिसकी तलाश चल रही है। जबकि, पत्‍‌नी की इस मामले में मिलीभगत के सबूत अबतक नहीं मिले हैं।

By Edited By: Published: Thu, 28 Aug 2014 08:18 AM (IST)Updated: Thu, 28 Aug 2014 10:22 PM (IST)
अर्धविक्षिप्त की हत्या कर अपनी कार में जला दिया था आरटीआई कार्यकर्ता ने

ग्रेटर नोएडा। कासना इलाके में आरटीआइ कार्यकर्ता चंद्रमोहन शर्मा की कार में लगी आग एवं उसमें बरामद शव मामले से पुलिस ने बृहस्पतिवार को पर्दा उठा दिया है। मौत का नाटक कर एक महिला मित्र के साथ बेंगलूर में छिपे चंद्रमोहन को पुलिस टीम नोएडा लेकर आई। साथ ही एक चौंकाने वाला खुलासा भी पुलिस ने किया। अधिकारियों का दावा है कि एक अर्धविक्षिप्त आदमी की हत्या कर उसके शव को अपनी कार में चंद्रमोहन ने जला दिया था। यही नहीं बैंगलुर में नितिन शर्मा के नाम से होंडा कंपनी में नौकरी भी कर रहा था। इस पूरे मामले में उसका एक रिश्तेदार उसके साथ मिला हुआ था जिसकी तलाश चल रही है। जबकि, पत्‍‌नी की इस मामले में मिलीभगत के सबूत अबतक नहीं मिले हैं।

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उल्लेखनीय है कि आम आदमी पार्टी सदस्य चंद्रमोहन शर्मा की कार एक मई की रात कासना इलाके में जली हुई हालत में मिली थी। कार में बुरी तरह जल चुका एक शव भी बरामद हुआ था। इस वारदात को लेकर काफी हल्ला मचा था। पुलिस ने इस मामले में सभी पहलुओं से जांच की।

इस बीच जांच में पता चला कि चंद्रमोहन प्रकरण के कुछ दिन बाद उसकी एक परिचित महिला भी अचानक अपने घर से लापता हो गई है। पुलिस ने चंद्रमोहन शर्मा के मोबाइल फोन की कॉल डिटेल को खंगाला तो पता लगा महिला के साथ वह अक्सर लंबी बातचीत करता रहता था। पुलिस ने महिला का नंबर भी इलेक्ट्रानिक सर्विलांस पर लगा दिया। जिसके आधार पर अपनी मौत का नाटक कर लापता हुए चंद्रमोहन का सुराग हाथ लग गया।

वहीं, यह भी बताया जा रहा है कि चंद्रमोहन ने अपनी पत्नी को भी फोन किया था। पुलिस सूत्रों की मानें तो चंद्रमोहन शर्मा की तलाश में हरियाणा, नेपाल बार्डर तथा बेंगलूर में तीन टीमें भेजी गई थीं। जांच के बाद दो टीमें लौट आईं जबकि बेंगलूर गई टीम ने उसे खोज निकाला। चंद्रमोहन एक महिला मित्र के साथ अपनी पहचान बदल वहां रह रहा था।

कंपनी से मिल चुके हैं बीस लाख

चंद्रमोहन कासना गांव स्थित होंडा सीएल कंपनी में कार्यरत था। कंपनी कर्मचारियों का बीमा करती है। कंपनी की तरफ से कुछ सप्ताह पूर्व ही चंद्रमोहन के परिजनों को बीस लाख रुपये मिले थे। नए घटनाक्रम से कंपनी अधिकारियों में भी हलचल मच गई है।

पढ़ें: मृत घोषित आरटीआई कार्यकर्ता बेंगलूर से गिरफ्तार

कार में ही खाक हो गया चालक


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