राजनीतिक नियुक्तियों में अनदेखी से संघ नाराज
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ ने मप्र सरकार और संगठन के कुछ फैसलों पर कड़ा एतराज जताया है। संघ की मुख्य शिकायत यह है कि ऐसे फैसलों के वक्त उसे भरोसे में नहीं लिया जा रहा है। इनमें प्रशासनिक फेरबदल और निगम मंडलों में नियुक्तियों के मामले भी शामिल हैं।
भोपाल। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ ने मप्र सरकार और संगठन के कुछ फैसलों पर कड़ा एतराज जताया है। संघ की मुख्य शिकायत यह है कि ऐसे फैसलों के वक्त उसे भरोसे में नहीं लिया जा रहा है। इनमें प्रशासनिक फेरबदल और निगम मंडलों में नियुक्तियों के मामले भी शामिल हैं।
शनिवार को यहां संघ पदाधिकारियों की प्रदेश भाजपा नेताओं के साथ समन्वय बैठक हुई। लगभग पांच घंटे चली बैठक में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान, प्रदेशाध्यक्ष नंदकुमार सिहं चौहान, संगठन महामंत्री अरविंद मेनन समेत पार्टी के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष व मप्र प्रभारी विनय सहस्रबुद्धे भी मौजूद थे।
यह पहला मौका था जब संघ ने भाजपा के प्रदेश प्रभारी को भी अपनी समन्वय बैठक में तलब किया, वहीं संघ के क्षेत्रीय प्रचारक अरुण जैन, मालवा प्रांत प्रमुख पराग अभ्यंकर और मध्यभारत के सुहास भगत एवं आनुषांगिक संगठन के प्रमुख भी मौजूद थे। सूत्र बताते हैं कि बैठक में संघ नेताओं के तेवर तीखे थे।
सरकार द्वारा हाल में निगम-मंडलों में की गई नियुक्तियों पर संघ ने एतराज जताया। संघ नेताओं का कहना था कि राजनीतिक नियुक्तियों के लिए उसे विश्वास में नहीं लिया गया, इससे कई ऐसे लोग पद हासिल करने से वंचित रहे जिनका जमीनी योगदान है। इसी प्रकार उन्होंने प्रशासनिक कसावट पर भी जोर दिया।
सांप्रदायिक घटनाओं पर चिंता
संघ नेताओं ने प्रदेश में असामाजिक तत्वों के सिर उठाने का जिक्र करते हुए मौजूदा स्थितियों पर सख्त आपत्ति की। उनका कहना था कि इन तत्वों को सख्ती से काबू करने में सरकार विफल हो रही है। माना जा रहा है कि संघ नेताओं का इशारा भोपाल और इंदौर में एक समुदाय विशेष का प्रदर्शन और देवास, मनावर, धार, सिवनी आदि स्थानों पर हुईं सांप्रदायिक घटनाओं की ओर था। उन्होंने कहा कि सरकार विरोधी संदेश व्हाट्स एप और फेसबुक पर चल रहे हैं, यह गंभीर मामला है। ऐसे मामलों में पुलिस को सख्त निर्देश देने चाहिए।
सिंहस्थ पर चर्चा
संघ नेताओं ने भाजपा से उज्जैन सिंहस्थ की तैयारियों की जानकारियां मांगी और हिदायत दी कि दो महीने बाद होने वाले इस आयोजन को लेकर खास सतर्कता बरती जाए। बताते हैं कि संघ ने चुनाव में भाजपा को मिल रही नाकामियों को भी सरकार की कार्यशैली से जोड़ते हुए कहा कि भाजपा कार्यकर्ताओं में निराशा एवं उदासीनता बढ़ रही है। सरकार और उसके मंत्रियों को कार्यकर्ताओं के प्रति संवेदनशील होना चाहिए। ज्ञात हो यह समन्वय बैठक हर साल होती है। लेकिन यह पहला मौका है जब सत्ता और संगठन के प्रति संघ नेताओं के तेवर तीखे रहे।
बैठक को लेकर रखी गोपनीयता
दोपहर डेढ़ बजे सहस्रबुद्धे भोपाल पहुंचकर सीधे संघ कार्यालय रवाना हो गए। उसके बाद वह बैठक स्थल बावड़िया कला (दाना पानी )के पास स्थित समाज सेवा न्यास में पहुंचे। बैठक स्थल को लेकर काफी गोपनीयता बरती गई। रात सवा आठ बजे सबसे पहले सहस्रबुद्धे बैठक से निकले और हवाई अड्डे के लिए रवाना हो गए। उनके बाद मेनन और नंदकुमार साथ निकले। मुख्यमंत्री सबसे बाद में रवाना हुए। संघ के क्षेत्र प्रचारक जैन एवं अन्य पदाधिकारियों ने कुछ देर सीएम से अकेले में चर्चा की।