मोदी के लिए वाराणसी को फुलप्रूफ बनाने में जुटा संघ
नरेंद्र मोदी के लिए राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ ने अपनी चुनावी रणनीति बदल दी है। अब बूथ प्रमुख के स्थान पर पन्ना प्रमुखों को कमान सौंपी गई है। संघ की पूर्व की व्यूहरचना में बूथ प्रमुखों को विशेष जिम्मेदारी दी गई थी। उस रणनीति को बदलते हुए संघ ने एक नए पद का सृजन किया है। 60 वोटरों पर एक 'पन्ना प
वाराणसी [डॉ. रवींद्र मिश्र]। नरेंद्र मोदी के लिए राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ ने अपनी चुनावी रणनीति बदल दी है। अब बूथ प्रमुख के स्थान पर पन्ना प्रमुखों को कमान सौंपी गई है।
संघ की पूर्व की व्यूहरचना में बूथ प्रमुखों को विशेष जिम्मेदारी दी गई थी। उस रणनीति को बदलते हुए संघ ने एक नए पद का सृजन किया है। 60 वोटरों पर एक 'पन्ना प्रमुख' बनाया है। ये पन्ना प्रमुख अपने-अपने पन्नों में दर्ज मतदाताओं को मतदान के दिन वोट डलवाने का काम करेंगे। इसके लिए संघ ने 20,917 पन्ना प्रमुख बनाए हैं।
संघ ने पन्ना प्रमुखों के काम को तीन चरणों में विभाजित भी किया है। प्रथम चरण में ये घर-घर संपर्क करेंगे। इस दौरान किस घर के मतदाता मोदी के पक्ष में मतदान करने के इच्छुक हैं, उन्हें चिन्हित करेंगे। दूसरे चरण में उन चयनित मतदाताओं से संपर्क करेंगे तो तीसरे चरण में ये पन्ना प्रमुख मतदान के दिन मतदाताओं को बूथ तक लाने की जिम्मेदारी निभाएंगे।
इनपर निगरानी रखने के लिए संघ ने 10 पन्ना प्रमुखों पर एक अन्य प्रमुख नियुक्त किया है, जो इनकी बैठक तथा इनके कार्यो पर नजर रखेंगे। ऐसी ही 10 बूथों पर एक अन्य प्रमुखों की भी रचना की है। वाराणसी संसदीय क्षेत्र में कुल 1641 बूथ तथा 15 लाख, 67 हजार, 370 मतदाता हैं। इनमें 08 लाख, 80 हजार, 723 पुरुष तथा 06 लाख, 86 हजार, 583 महिलाएं व 70 अन्य मतदाताओं की संख्या है। बूथ संख्या को ध्यान में रखकर संघ ने 1640 बूथ प्रमुख बनाए हैं। इन पर ध्यान रखने के लिए 164 पर्यवेक्षक नियुक्त किए गए हैं यानि कुल 1804 कार्यकर्ताओं को संघ ने बूथ प्रबंधन के काम में लगाया है।
इस बार संघ को विश्वास है कि मुस्लिम मतदाता भी नमो को मतदान करेगा। इनके बीच में काम करने के लिए संघ से जुड़े 'राष्ट्रीय मुस्लिम मंच' के कार्यकर्ताओं को विशेष जिम्मेदारी दी गयी है। वाराणसी संसदीय क्षेत्र में करीब 03 लाख 13 हजार 475 मुस्लिम मतदाता हैं।
मंच का उत्तर प्रदेश व उत्तराखंड का काम देख रहे महियरध्वज ने बताया कि आजादी के बाद से लेकर अब-तक कांग्रेस ने मुसलमानों को सिर्फ वोट के रूप में देखा है। इस बार मुस्लिम समाज भाजपा व मोदी के पक्ष में मतदान करेगा। सूत्रों की मानें तो संघ ने अपने समवैचारिक संगठनों की रणनीति को भी बदल दिया है। अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद ने प्रत्येक विधानसभा क्षेत्र में बनाए गए 100 मोदी वालंटियरों को भी बूथ प्रबंधन में ही लगने की सलाह दी है।