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संघ प्रमुख मोहन भागवत जम्मू पहुंचे, आतंकवाद पर बनेगी रणनीति

जम्मू-कश्मीर में पहली बार होने जा रही राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ की राष्ट्रीय बैठक में आतंकवाद और आंतरिक सुरक्षा पर रणनीति बनेगी।

By Bhupendra SinghEdited By: Published: Fri, 14 Jul 2017 05:37 AM (IST)Updated: Fri, 14 Jul 2017 02:06 PM (IST)
संघ प्रमुख मोहन भागवत जम्मू पहुंचे, आतंकवाद पर बनेगी रणनीति
संघ प्रमुख मोहन भागवत जम्मू पहुंचे, आतंकवाद पर बनेगी रणनीति

राज्य ब्यूरो, जम्मू। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की राष्ट्रीय बैठक में विचार परिवार की राजनीति तय करने के लिए संघ प्रमुख डा मोहन भागवत शुक्रवार सुबह जम्मू पहुंच गए।  रेल मार्ग से सुबह छह बजे जम्मू पहुंचे आरएसएस के सर संघ चालक डा मोहन भागवत सीधे बैठकों के लिए वेद मंदिर रवाना हो गए। उनके साथ संघ के सर कार्यवाह भैया जी जोशी भी थे।
संघ की राष्ट्रीय बैठक जम्मू में सत्रह से उन्नीस जुलाई तक चलेगी, इससे पहले व बाद में भी संघ प्रमुख बैठकें करेंगे। यह सिलसिला बाईस जुलाई तक जारी रहेगा। राज्य में पहली बार हो रही इस बैठक में देश के विभिन्न हिस्सों से 40 राज्य प्रचारकों समेत 200 के करीब प्रचारक हिस्सा लेंगे।
राज्य में श्री बाबा अमरनाथ यात्रा पर आतंकवादी हमले के चलते संघ की राष्ट्रीय बैठक में आतंकवाद, आंतरिक सुरक्षा, कश्मीर के हालात पर मंथन तय है। राष्ट्रीय बैठक में हिस्सा लेने के लिए राज्य प्रचारकों के आने का सिलसिला शुरू हो गया है।

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श्री बाबा अमरनाथ यात्रा पर कश्मीर में हमले से उपजे हालात का असर देश की राजनीति पर पड़ रहा है। ऐसे में 14 जुलाई से शुरू होने जा रही राष्ट्रीय बैठक में अमरनाथ यात्रा का विरोध करने वालों को भी कड़ा संदेश दिया जाएगा।

नौ दिन तक बैठक वेद मंदिर के अंदर होंगी। इसमें भाजपा अध्यक्ष अमित शाह और विहिप के राष्ट्रीय नेता भी हिस्सा लेंगे। इसमें देश के समक्ष चुनौतियों पर भी मंथन होगा। 22 जुलाई तक चलने वाली इस राष्ट्रीय बैठक के माध्यम से देश विरोधी तत्वों को संदेश दिया जाएगा कि उनका सख्ती से सामना होगा।

18 से 20 जुलाई के बीच भाजपा के राष्ट्रीय संगठन महामंत्री राम लाल व राष्ट्रीय महासचिव राम माधव भी इसमें हिस्सा लेंगे। बैठक में कश्मीर के हालात पर मंथन के दौरान वहां सुरक्षा कर्मियों के खिलाफ साजिशों व पाकिस्तान के एजेंडे को प्रभावी बनाने की अलगाववादियों व पत्थरबाजों की कोशिशों पर भी चर्चा होगा। इसके साथ ही यह भी तय होगा कि राज्य में विरोधी तत्वों का मुकाबला कैसे किया जाए। इस दौरान प्रांत प्रचारकों के कार्यो और गतिविधियों का लेखाजोखा प्रस्तुत करने के साथ कार्ययोजना का मसौदा भी तैयार होगा।

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