बदजुबानी के घेरे में अब तृणमूल
केंद्रीय मंत्री निरंजन ज्योति की बदजुबानी को लेकर सबसे आक्रामक रहा तृणमूल कांग्रेस अब खुद घेरे में है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और पूर्व प्रधानमंत्री लालबहादुर शास्त्री पर तृणमूल कांग्रेस के सदस्य की टिप्पणी को लेकर भाजपा हमलावर हुई तो माकपा ने भी साथ दिया। सरकार ने आगाह किया कि तृणमूल
नई दिल्ली। केंद्रीय मंत्री निरंजन ज्योति की बदजुबानी को लेकर सबसे आक्रामक रहा तृणमूल कांग्रेस अब खुद घेरे में है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और पूर्व प्रधानमंत्री लालबहादुर शास्त्री पर तृणमूल कांग्रेस के सदस्य की टिप्पणी को लेकर भाजपा हमलावर हुई तो माकपा ने भी साथ दिया। सरकार ने आगाह किया कि तृणमूल सदस्य कल्याण बनर्जी माफी नहीं मांगते हैं तो निंदा प्रस्ताव लाने पर मजबूर होंगे। उधर, बेफिक्र कल्याण ने स्पष्ट कर दिया है कि वह माफी नहीं मांगेंगे।
पिछले दिनों से तृणमूल कांग्रेस और भाजपा के बीच राजनीतिक खींचतान बढ़ा है तो तेवर शब्दों में भी दिखने लगा। भाजपा अध्यक्ष अमित शाह पर मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की टिप्पणी के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ कल्याण बनर्जी ने विवादित टिप्पणी कर दी। यूं तो भाजपा ने सोमवार को ही इस पर आपत्ति जताते हुए ममता बनर्जी से माफी मांगने की बात कही थी। मंगलवार को भाजपा सदस्य एस एस अहलूवालिया की औपचारिक आपत्ति के बाद सरकार की ओर से संसदीय कार्यमंत्री वेंकैया नायडू और उनके राज्यमंत्री राजीव प्रताप रूड़ी ने आगाह किया कि कल्याण माफी मांगें, वरना उनके खिलाफ निंदा प्रस्ताव लाया जा सकता है।
गौरतलब है कि कल्याण ने एक रैली में मोदी को 'वाहियात' प्रधानमंत्री कहा था। साथ ही पश्चिम बंगाल के भाजपा प्रभारी सिद्धार्थ नाथ सिंह पर टिप्पणी करते हुए कहा था कि लाल बहादुर शास्त्री को पता होता कि उनका नाती (सिद्धार्थ) ऐसा होगा तो वह शादी ही नहीं करते। भाजपा के सुर में माकपा सदस्य सलीम ने भी राग मिलाई और याद दिलाया कि तृणमूल के नेता पहले भी आपत्तिजनक बयान देते रहे हैं।
बहरहाल, कल्याण ने बाहर यह माफी मांगने से इन्कार करते हुए कहा कि उन्होंने राजनीतिक रैली में जो कुछ कहा है उसके खिलाफ सदन के अंदर निंदा प्रस्ताव नहीं आ सकता है। उनका बयान राजनीतिक है फिर माफी क्यों मांगें? वहीं सरकार की ओर से भी स्पष्ट नहीं किया गया है कि वह निंदा प्रस्ताव कब लाएगी। खासतौर पर तब जबकि केंद्रीय राज्यमंत्री निरंजन ज्योति के आपत्तिजनक बयान पर भी संसद में कोई निंदा प्रस्ताव नहीं आया। इससे पहले मंगलवार सुबह भाजपा की संसदीय पार्टी की बैठक में भी ममता और कल्याण के बयानों की निंदा की गई थी।