नामी जेजे आर्ट्स स्कूल में नहीं मिला था दाखिला
छह भाइयों में सबसे छोटे आरके लक्ष्मण ने बहुत छोटी उम्र में ही घर की दीवारों, दरवाजों और फर्श को अपने कैरिकेचर से रंग दिया था। स्कूल में जब उन्होंने एक बार पीपल की पत्ती का चित्र बनाया तो उनके शिक्षक बहुत प्रभावित हुए और उन्हें पेंटिंग व ड्राइंग में
जागरण न्यूज नेटवर्क, नई दिल्ली। छह भाइयों में सबसे छोटे आरके लक्ष्मण ने बहुत छोटी उम्र में ही घर की दीवारों, दरवाजों और फर्श को अपने कैरिकेचर से रंग दिया था। स्कूल में जब उन्होंने एक बार पीपल की पत्ती का चित्र बनाया तो उनके शिक्षक बहुत प्रभावित हुए और उन्हें पेंटिंग व ड्राइंग में करियर बनाने की सलाह दी।
स्कूली शिक्षा के बाद उन्होंने मुंबई के प्रख्यात जेजे स्कूल ऑफ आर्ट्स में दाखिले के लिए आवेदन किया। लेकिन, स्कूल के डीन ने उनका आवेदन यह कहते हुए खारिज कर दिया था कि उनकी बनाई ड्राइंग इस नामी स्कूल के स्तर की नहीं है। वह मायूस हुए लेकिन उन्होंने ड्राइंग नहीं छोड़ी। बाद में लक्ष्मण ने मैसूर विश्वविद्यालय के महाराजा कॉलेज में दाखिला लिया और बैचलर ऑफ आर्ट्स की डिग्री हासिल की।
अन्य उल्लेखनीय कार्य
-1954 में एशियन पेंट्स ग्रुप के शुभंकर गट्टू की रचना।
-हिंदी फिल्म 'मिस्टर एंड मिसेज 55' में लक्ष्मण के कार्टून प्रदर्शित हुए।
-बड़े भाई आरके नारायण की किताब 'मालगुडी डेज' पर आधारित टीवी धारावाहिक के लिए स्केच बनाए।
-कई पुस्तकों के अलावा आत्मकथा 'लक्ष्मणरेखा' लिखी।
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