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दलितों को सौ साल तक आरक्षण के पक्ष में भागवत

लोकसभा चुनाव में ऐतिहासिक जीत के बाद संघ परिवार ¨हदुओं को एकजुट करने की कोशिशों में जुट गया है। संघ परिवार की कोशिश 15 फीसदी दलितों को मुख्य धारा से जोड़ने की है। आरएसएस के सरसंघचालक मोहन भागवत ने रविवार को एक पुस्तक का विमोचन करते हुए कहा कि समाज में उच्च स्थान पाना दलित जातियों का हक

By Edited By: Published: Mon, 08 Sep 2014 06:12 AM (IST)Updated: Mon, 08 Sep 2014 07:18 AM (IST)

जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। लोकसभा चुनाव में ऐतिहासिक जीत के बाद संघ परिवार ¨हदुओं को एकजुट करने की कोशिशों में जुट गया है। संघ परिवार की कोशिश 15 फीसदी दलितों को मुख्य धारा से जोड़ने की है। आरएसएस के सरसंघचालक मोहन भागवत ने रविवार को एक पुस्तक का विमोचन करते हुए कहा कि समाज में उच्च स्थान पाना दलित जातियों का हक है और उच्च जातियां ऐसा करती हैं तो कोई अहसान नहीं करेंगी। उन्होंने कहा कि दलितों ने एक हजार साल तक कष्ट सहा है। उनकी स्थिति ठीक करने के लिए हमें 100 साल तक मुश्किल झेलने के लिए तैयार रहना चाहिए।

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भाजपा प्रवक्ता डा. विजय सोनकर शास्त्री की तीन किताबों के विमोचन के दौरान संघ और भाजपा के वरिष्ठ नेताओं ने दलितों को ¨हदू समाज की मार्शल कौम करार दिया। शास्त्री ने खटिक, वाल्मीकि और चर्मकार जातियों की उत्पत्ति और समाज में उनकी मौजूदा स्थिति के ऐतिहासिक कारणों का विश्लेषण किया है। उन्होंने यह साबित करने की कोशिश की है कि ये तीनों जातियां दरअसल ऐसे क्षत्रिय और ब्राह्मणों से बनी हैं, जिन्होंने विदेशी आक्रांताओं के सामने झुकने से इन्कार कर दिया था। इसी कारण इन्हें समाज में सबसे बदतर काम करने की सजा दी गई।

इस मौके पर मानव संसाधन विकास मंत्री स्मृति ईरानी, सूचना व प्रसारण मंत्री प्रकाश जावड़ेकर व विश्व हिन्दू परिषद के वरिष्ठ नेता अशोक सिंघल भी मौजूद थे। इन सभी नेताओं ने दलितों की मौजूदा स्थिति को विदेशी आक्रमणकारियों की देन बताया और पूरे हिंदू समाज को एकजुट करने के लिए उन्हें समाज में सम्मानजनक स्थान देने की जरूरत पर बल दिया।

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