रिलायंस जियो ने बढ़ाई मोबाइल कंपनियों में एकीकरण की होड़
ऐसे में लगता है कि देरसबेर केवल तीन-चार कंपनियां ही भारतीय दूरसंचार सेवा बाजार के अखाड़े में बचेंगी।
जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। रिलायंस जियो के ग्राहकों की तेजी से बढ़ती संख्या ने प्रतिस्पर्द्धी टेलीकॉम आपरेटरों को एकजुट हो जाने के लिए विवश कर दिया है। जियो के डर से पहले वोडाफोन और आइडिया ने विलय का फैसला लिया था। और अब भारती एयरटेल तथा टेलीनार के मिलन की खबर आ गई है। इसके अलावा रिलायंस कम्यूनिकेशंस की ओर से एयरसेल और टाटा टेली के अधिग्रहण के प्रयास हो रहे हैं। ऐसे में लगता है कि देरसबेर केवल तीन-चार कंपनियां ही भारतीय दूरसंचार सेवा बाजार के अखाड़े में बचेंगी।
भारती एयरटेल ने गुरुवार को एलान किया कि वह जल्द ही टेलीनार (इंडिया) कम्यूनिकेशंस प्राइवेट लिमिटेड को खरीदकर 1800 मेगा हर्त्ज स्पेक्ट्रम बैंड में अपनी स्थिति को और मजबूत कर लेगी। बांबे स्टॉक एक्सचेंज में इस सौदे की सूचना देते हुए भारती एयरटेल के प्रबंध निदेशक एवं मुख्य कार्यकारी अधिकारी गोपाल विट्टल ने कहा, 'इस अधिग्रहण से नेटवर्क के साथ-साथ हमारा ग्राहक आधार भी बढ़ेगा जिससे अनेक प्रमुख सर्किलों में हमारी स्थिति और मजबूत हो जाएगी।'
सौदे के तहत टेलीनार इंडिया के सात सर्किलों के आपरेशंस एयरटेल के कब्जे में आ जाएंगे। इनमें उत्तर प्रदेश पूर्व, उत्तर प्रदेश पश्चिम, आंध्र प्रदेश, बिहार, महाराष्ट्र, गुजरात तथा असम सर्किल शामिल हैं। इससे टेलीनार के 5.25 करोड़ ग्राहकों के साथ एयरटेल के ग्राहकों की संख्या मौजूदा 26.94 करोड़ से बढ़कर 32.19 करोड़ हो जाएगी।
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इससे पहले ब्रिटिश ग्रुप वोडाफोन अपनी भारतीय इकाई वोडाफोन इंडिया और बिड़ला गु्रप की कंपनी आइडिया के विलय की मंशा जता चुकी है। हालांकि अभी तक दोनों कंपनियों की ओर से इस सौदे के समय एवं शर्तो का खुलासा नहीं किया गया है।
यदि ये सौदे होते हैं तीन-चार बड़ी टेलीकॉम कंपनियां भारतीय बाजार के क्षितिज में उभरेंगी। अभी भारतीय टेलीकॉम सर्विसेज बाजार में एयरटेल पहले, जबकि वोडाफोन और आइडिया दूसरे व तीसरे नंबर पर हैं। इसके बाद अन्य आपरेटरों का स्थान है। यदि आइडिया वोडाफोन का विलय होता है तो उसके बाद बनने वाली नई कंपनी देश की सबसे बड़ी टेलीकॉम आपरेटर हो जाएगी।
दूसरी ओर एयरटेल खिसककर दूसरे नंबर पर पहंुच जाएंगी। तीसरे नंबर पर कौन होगा यह इस बात पर निर्भर करता है कि रिलायंस कम्यूनिकेशंस और टाटा ग्रुप की कंपनी टाटा टेली के विलय का सौदा हो पाता है अथवा नहीं। हालांकि आरकॉम के चेयरमैन अनिल अंबानी और टाटा समूह इसका प्रयास कर रहे हैं। आरकॉम एमटीएस को पहले ही खरीद चुकी है, जबकि मैक्सिस ग्रुप की कंपनी एयरसेल के अधिग्रहण की इच्छा जता चुकी है।
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