उड़ी में शहीद सेना के परिजनों ने कहा, आतंकियों के खिलाफ जारी रहे सर्जिकल स्ट्राइक
उड़ी हमले में शहीद हुए सैनिकों के परिजन गुलाम कश्मीर में की गई सर्जिकल स्ट्राइक को इंसाफ के तौर पर देख रहे हैं।
जम्मू-कश्मीर, जेएनएन। भारतीय सेना की तरफ से बुधवार की रात गुलाम कश्मीर में घुस कर सात आतंकवादी शिविरों को नष्ट करते हुए 38 आतंकवादियों को मार गिराने की कार्रवाई से जहां पूरा देश गर्व महसूस कर रहा है, वहीं उड़ी हमले में शहीद हुए सैनिकों के परिजन इस कार्रवाई को इंसाफ के तौर पर देख रहे हैं।
शहीद परिवारों का कहना है कि जब तक पूरे देश से आतंकवाद का सफाया नहीं हो जाता और आतंकियों के पनाहगाह बने देशों को सबक नहीं सिखाया जाता, तब तक इस तरह के ऑपरेशन जारी रखे जाएं।
18 सितंबर को उड़ी स्थित सेना ब्रिगेड मुख्यालय पर हुए हमले में शहीद हुए रामगढ़ क्षेत्र के सैनिक हवलदार रविपाल पुत्र स्व बाबू राम निवासी सारवा की वीरनारी गीता देवी ने इस चुकाए गए बदले से कुछ राहत महसूस की है। उन्होंने कहा कि भारतीय सेना ने उड़ी हमले का जवाब पीओके में घुसकर दिया है और आतंकियों को मौत के घाट उतारा है। इस कार्रवाई ने उनके कलेजे को ठंडक दी है।
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शहीद के बेटे वंश व सुधांशु के अनुसार उनके शहीद पिता की शहादत का बदला लेकर भारतीय सेना ने अपने शहीदों का गौरव बढ़ाया है। उन्होंने कहा कि अगर उनको इस समय देश सेवा का मौका मिला होता तो आज वह खुद इस ऑपरेशन का हिस्सा बनकर अपने पिता की शहादत का बदला चुकाते।
शहीद की माता मेलो देवी तथा भाई यशपाल, राज कुमार, मोहन लाल व मौजा का कहना है कि भारतीय सेना ने पीओके में अपनी कार्रवाई अंजाम देकर यह साबित किया है कि हमारे शहीद सैनिकों का लहू कितना गहरा है। उन्होंने भारतीय सेना प्रमुख, रक्षा मंत्रालय व केन्द्र सरकार से मांग करते हुए कहा कि ऐसी कार्रवाई भविष्य में भी जारी रखकर देश के दुश्मनों का सफाया किया जाए।