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मोदी सरकार के पहले बजट पर लोगों की प्रतिक्रियाएं

अच्छे दिनों का सपना दिखाकर सत्ता में आई भाजपा सरकार के वित्त मंत्री अरुण जेटली ने गुरुवार को लोकसभा में मोदी सरकार का पहला बजट पेश किया। मोदी ने चुनाव के दौरान महंगाई कम करने और देश में विकास की गंगा बहाने का वादा किया था। जेटली के बजट पेश करने के बाद लोगों ने अपनी प्रतिक्रियायें दी, जो इस प्रकार हैं।

By Edited By: Published: Thu, 10 Jul 2014 03:10 PM (IST)Updated: Thu, 10 Jul 2014 09:33 PM (IST)

नई दिल्ली। अच्छे दिनों का सपना दिखाकर सत्ता में आई भाजपा सरकार के वित्त मंत्री अरुण जेटली ने गुरुवार को लोकसभा में मोदी सरकार का पहला बजट पेश किया। मोदी ने चुनाव के दौरान महंगाई कम करने और देश में विकास की गंगा बहाने का वादा किया था। जेटली के बजट पेश करने के बाद लोगों ने अपनी प्रतिक्रियायें दी, जो इस प्रकार हैं।

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देश को और अधिक की उम्मीद थी जिसका मोदी ने अपने सभी भाषणों में किया था। 'यानी खोदा पहाड़ निकली चुहिया'।

-कांग्रेस नेता अभिषेक मनु सिंघवी

लोगों ने बदलाव के लिए वोट किया था न कि यूपीए सरकार की योजनाओं को बढ़ाने के लिए। इस बजट से लोग अपने आप को ठगा हुआ महसूस कर रहे हैं। बजट में कोई भी नया नहीं है जिसका दुनिया को इंतजार था।

-आप नेता आशुतोष

मोदी सरकार के बजट में कुछ भी नया नहीं है।

-कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी

बजट में जो बातें कही गई हैं उन्हें पूरा कर पाना संभव नहीं है।

- कांग्रेस नेता मनीष तिवारी

बजट में कुछ भी स्पष्ट नहीं है। यह सौ करोड़ रुपये के प्रस्ताव की एक सूची मात्र है।

-कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी

आम बजट निराशाजनक

-जदयू नेता शरद यादव

यह एक सामान्य बजट है हमें उम्मीद थी कि गोल्ड पर छूट की सीमा 10 प्रतिशत बढ़ेगी, क्योंकि लोग इसे ज्यादा पसंद करते हैं।

-राज कुंद्रा

यह देश को विकास और समृद्धि के शानदार रास्ते पर ले जाने वाला बजट है।

-भाजपा प्रवक्ता मुख्तार अब्बास नकवी

यह गरीबों युवाओं महिलाओं और वरिष्ठ नागरिकों के काम का बजट है।

-केंद्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह

भाजपा ने उन लोगों को फायदा पहुंचाने वाला बजट पेश किया है, जिन्होंने चुनाव के लिए फंड दिए थे।

-सीपीएम नेता सीताराम येचुरी

मोदी सरकार के पहले बजट का मतलब टैक्स टेररिज्म का खात्मा और टैक्स-इंन्वेस्टर फ्रेंडली दौर की शुरुआत है।

-किरीट सोमैया

वित्त मंत्री ने कॉमनवेल्थ और एशियन गेम के लिए 100 करोड़ का आवंटन किया है जबकि हमने 2010 के कॉमनवेल्थ गेम खिलाड़ियों पर 678 करोड़ रुपये खर्च किए थे।

-कांग्रेस नेता अजय माकन

हम आम आदमी पर बिना बोझ डाले हुए राजकोषीय घाटे को कम करने की कोशिश कर रहे हैं। उम्मीद है कि आम आदमी को प्रभावित किए बिना हम आर्थिक स्थिति में सुधार कर पाएंगे।

-वित्त मंत्री अरुण जेटली

''बजट में नई सरकार की गंभीरता दिखाई दे रही है। मैं उम्मीद करती हूं कि भविष्य की ओर देखता यह बजट अगले दो-तीन सालों में अर्थव्यवस्था को पुनर्जीवित करने और विकास को गति देने में सक्षम होगा।''

-जयललिता, मुख्यमंत्री तमिलनाडु

''यह चौंकाने वाली बात है कि सामाजिक सेवाओं की धनराशि में गिरावट आई है। कृपया याद कीजिए, चिदंबरम (पूर्व वित्त मंत्री) पहले ही ऐसा कर चुके हैं। बजट में स्वागत योग्य कुछ नहीं है।'' - बृंदा करात, माकपा नेता

''केंद्र सरकार का बजट बेहद निराश करने वाला है। इसमें अच्छे दिन आने के कोई संकेत नहीं है जैसा भाजपा ने वादा किया था। इसमें आम लोगों के जीवन में सुधार लाने के लिए कुछ नहीं है।'' - तरुण गोगोई, मुख्यमंत्री असम

''विभिन्न राज्यों और उनके अंदर विशेष क्षेत्रों के विकास के लिए बजटीय प्रावधान में संतुलन रखा गया है। जम्मू-कश्मीर को आइआइटी देने का कदम सराहनीय है।'' - जितेंद्र सिंह, पीएमओ राज्यमंत्री

''यह संप्रग के कार्यकाल में पटरी से उतर चुकी अर्थव्यवस्था को फिर से पटरी पर लाने वाला बजट है। बजट से विनिर्माण, कृषि और हस्तशिल्प क्षेत्र को प्रोत्साहन मिलेगा।'' - जी किशन रेड्डी, तेलंगाना भाजपा अध्यक्ष

''केंद्रीय बजट निराशाजनक है। इसमें ऐसा कुछ भी नहीं है जिसकी सराहना की जाए। इससे देश की प्रगति पटरी से उतर जाएगी।'' - अजित पवार, उपमुख्यमंत्री महाराष्ट्र

ट्वीट

''सरकार बनने के बाद सिर्फ कुछ दिनों में पेश किए गए बजट में असाधारण और प्रगतिशील प्रक्रिया अपनाई गई है।'' -किरण बेदी, सामाजिक कार्यकर्ता

''बजट कितना पूर्ण है, इस पर बहस तो चलती ही रहेगी, लेकिन यह बजट पूर्णता के करीब भी नहीं है।'' - गुल पनाग, आप नेता

''संपूर्ण और बहुआयामी बजट पेश करने के लिए अरुण जेटली की तारीफ करती हूं। पहली बार शिक्षा में इतना बड़ा निवेश किया गया है।'' - वाणी त्रिपाठी, भाजपा राष्ट्रीय सचिव

''मेरा मानना है कि आइआइटी और आइआइएम जैसे प्रोजेक्ट एक वर्ष में पूरे नहीं हो सच्ते। अच्छा होगा कि अगले बजट में इनके लिए और धन आवंटित किया जाए।'' - नंदिता ठाकुर, आम नागरिक


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