आसानी से कुछ खातों से पैसों की निकासी नहीं, RBI ने कड़े किए नियम
काले धन पर लगाम लगाने के लिए रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया ने उन खातों से निकासी पर कुछ प्रतिबंध लगाया है। जिनमें नवंबर के बाद पैसे जमा हुए थे।
मुंबई (पीटीआई)। बैंकिंग व्यवस्था का दुरुपयोग कर अपनी अघोषित दौलत जमा करने वालों पर रिजर्व बैंक ने शिकंजा कस दिया है। आरबीआई ने उन खातों से पैसे निकालने पर कुछ खास तरह के प्रतिबंध लगा दिए हैं, जिनमें 9 नवंबर के बाद 2 लाख रुपये से ज्यादा पैसे जमा हुए हैं, और जिनमें 5 लाख रुपये से ज्यादा बैलेंस है।
पैन कार्ड या फॉर्म 60 जरूरी
आरबीआई की अधिसूचना के मुताबिक पैन कार्ड या फॉर्म 60 जमा किए बगैर इन खातों से पैसे नहीं निकाले जा सकते और न ही ट्रांसफर किए जा सकते हैं। रिजर्व बैंक को ये जानकारी मिली है कि कुछ मामलों में केवाईसी (अपने ग्राहक को जानों) के सख्त दिशानिर्देशों का पालन नहीं किया जा रहा था।
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'KYC नियमों का हो पालन'
रिजर्व बैंक ने कहा है कि बैंकों को KYC का सख्ती से पालन कराना चाहिए। आरबीआई ने कहा कि यह नियम उन दोनों तरह के खातों पर लागू होंगे
- जिन खातों में 5 लाख रुपये या उससे ज्यादा का बैलेंस हो
- नवंबर 2016 के बाद कुल जमा रकम (इलेक्ट्रॉनिक और दूसरे माध्यमों से भी जमा मिलाकर) 2 लाख रुपये से ज्यादा हो।
-स्मॉल अकाउंट से एक महीने में 10 हजार रुपये ही निकालने की इजाजत होती है।
- स्मॉल अकाउंट में एक वित्तीय वर्ष में कुल जमा की गई रकम एक लाख रुपये से ज्यादा नहीं हो सकती।
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क्या है स्मॉल अकाउंट ?
आरबीआई ने कहा है कि अगर कोई खाता निर्धारित सीमा से ज्यादा रकम जमा या बैलेंस होने की वजह से 'स्मॉल अकाउंट' की श्रेणी के लिए अयोग्य हो जाता है तो उनसे निकासी की सीमा स्मॉल अकाउंट से निकासी के नियमों के मुताबिक होगी।
आरबीआई ने कहा कि बेसिक सेविंग्स बैंक डिपॉजिट अकाउंटस (जन धन अकाउंट भी BSBDAs की तरह ही होते हैं) के लिए KYC की जरूरत नहीं होती। ऐसे अकाउंट 'स्मॉल अकाउंट' की तरह माने जाते हैं। गौरतलब है कि सरकार ने 9 नवंबर से 500 और 1000 रुपये के पुराने नोटों को अमान्य कर दिया है। आरबीआई ने बैंकों से डॉरमेंट खातों में पैसे जमा करते वक्त नियमों का सख्ती से पालन करने का निर्देश दिया था। ऐसी शिकायतें मिली थी कि नोटबंदी के बाद कुछ लोगों ने जन धन और डॉर्मैंट अकाउंट का दुरुपयोग कर उसमें ब्लैक मनी जमा किया है।