जीएसटी लागू होने से पहले कुछ वस्तुओं व सेवाओं पर बदल सकती हैं दरें
इलेक्ट्रिक और हाइड्रोजन कारों पर जीएसटी की अधिक दर को लेकर चिंता जतायी जा रही है।
हरिकिशन शर्मा, नई दिल्ली। एक जुलाई 2017 से लागू होने जा रहे वस्तु एवं सेवा कर की दरें तय होने के बाद उद्योग जगत तथा सरकार के भीतर कुछ वस्तुओं और सेवाओं पर जीएसटी की प्रस्तावित दरों को लेकर सवाल उठने लगे हैं। इसलिए माना जा रहा है कि जीएसटी लागू होने से पहले कुछ वस्तुओं और सेवाओं पर दरों में बदलाव भी हो सकता है।
सूत्रों के मुताबिक जीएसटी काउंसिल ने श्रीनगर में हुई 14वीं बैठक में सेवा और वस्तुवार जीएसटी की जो दरें तय की हैं उन्हें नीतिगत कसौटी पर कसते हुए उनकी समीक्षा की जाएगी। आने वाले दिनों में कुछ वस्तुओं और सेवाओं पर दरें बदली भी जा सकती हैं। दरअसल जीएसटी की प्रस्तावित दरों को लेकर अलग-अलग उद्योगों तथा सरकार के भीतर से कई ऐसी प्रतिक्रियाएं आयी हैं जो इस ओर इशारा कर रही हैं।
सूत्रों का कहना है कि सरकार का शीर्ष थिंक टैंक नीति आयोग मोटर वाहनों पर प्रस्तावित जीएसटी की दरों से खुश नहीं है। बताया जाता है कि आयोग के अधिकारी हाइब्रिड कारों, हाइड्रोजन कारों और डीजल से चलने वाली एसयूवी कारों पर 15 प्रतिशत सैस लगाने के फैसले को पर्यावरण के अनुकूल वाहनों को प्रोत्साहित करने की सरकार की नीति के विपरीत मान रहे हैं। उनका कहना है कि डीजल कारों और हाइड्रोजन कारों को एक श्रेणी में रखना सही नहीं है। फ्यूल सेल तकनीक पर चलने वाले हाइड्रोजन वाहन कम प्रदूषण करते हैं। सूत्रों का कहना है कि आयोग के अधिकारी आने वाले दिनों में इस विसंगति को वित्त मंत्रालय के राजस्व विभाग और जीएसटी काउंसिल के समक्ष उठा सकते हैं।
इसी तरह रोजगार के प्रमुख स्रोत पर्यटन और हॉस्पीटलिटी उद्योग से जुड़े कारोबारियों ने भी इस क्षेत्र खासकर होटलों और रेस्टोरेंट पर जीएसटी की प्रस्तावित दरों को लेकर नाखुशी प्रकट की है। जीएसटी काउंसिल ने प्रति रात पांच हजार रुपये से अधिक किराए वाले होटलों की सेवा पर 28 प्रतिशत और 2500 से 5000 रुपये के बीच टैरिफ वाले होटलों पर 18 प्रतिशत जीएसटी लगाने का फैसला किया है।
फेडरेशन ऑफ होटल्स एंड रेस्टोरेंट एसोसिएशंस ऑफ इंडिया (एफएचआरएआइ) के महासचिव अमिताभ देवेन्द्र का कहना है अधिकांश होटल प्रति रात्रि पांच हजार रुपये से अधिक के टैरिफ वाले हैं इसलिए जीएसटी की प्रस्तावित दरों का इस क्षेत्र पर प्रतिकूल असर पड़ेगा। उन्होंने कहा कि पर्यटन तथा हॉस्पीटलिटी उद्योग पहले से ही नोटबंदी तथा उसके बाद हाइवे से 500 मीटर के दायरे में शराब पर रोक के चलते कई तरह की चुनौतियों का सामना कर रहा है। उन्होंने कहा कि उनकी फेडरेशन जीएसटी काउंसिल के समक्ष प्रस्तावित दरों के संबंध में अपनी चिंताएं प्रकट करेगी।
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