मिस्त्री को हटाने में शेयरधारकों से मांगा रतन टाटा ने सहयोग
रतन टाटा ने शेयरधारकों को यह पत्र टाटा समूह की छह कंपनियों की बुलाई गई असाधारण बैठक से ऐन पहले लिखा है।
जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। टाटा समूह में साइरस मिस्त्री को चेयरमैन पद से हटाने को लेकर चल रहे विवाद के बीच टाटा संस के अंतरिम चेयरमैन रतन टाटा ने शेयरधारकों से मिस्त्री को हटाने में सहयोग मांगा है। शेयरधारकों को लिखे एक पत्र में रतन टाटा ने कहा है कि मिस्त्री को खुद से इस्तीफा देने का मौका दिया गया था। लेकिन उन्होंने इसे नकार दिया।
रतन टाटा ने शेयरधारकों को यह पत्र टाटा समूह की छह कंपनियों की बुलाई गई असाधारण बैठक से ऐन पहले लिखा है। इन छहों कंपनियों की ईजीएम मिस्त्री को इन कंपनियों में निदेशक पद से हटाने के लिए बुलाई गई है। टाटा ने अपने पत्र में कहा है कि मिस्त्री ने इस्तीफा देने से इनकार करते वक्त कहा था कि यह फैसला कंपनी के बोर्ड में होना चाहिए। अंतत: कंपनी बोर्ड ने बैठक कर मिस्त्री को उनके पद से बर्खास्त कर दिया। टाटा ने कहा है कि मिस्त्री को इसलिए हटाया गया है क्योंकि वह समूह का नेतृत्व करने और उनकी क्षमताओं पर बोर्ड का भरोसा खो चुके थे।
टाटा ने चेयरमैन पद से हटाये जाने के बाद मिस्त्री के समूह की कंपनियों में निदेशक की हैसियत से हिस्सेदारी करने पर भी सवाल उठाए हैं। उन्होंने कहा कि कायदे से चेयरमैन पद से हटाए जाने के बाद उन्हें कंपनियों के निदेशक पद से इस्तीफा दे देना चाहिए था। लेकिन वह लगातार इन कंपनियों की बोर्ड बैठकों में आ रहे हैं। इसका काम पर गलत प्रभाव पड़ रहा है। टाटा ने शेयरधारकों से ईजीएम में मिस्त्री को निदेशक हटाने के लिए सहयोग मांगा है।
मिस्त्री ने हाल ही में टाटा संस खासतौर पर टाटा ट्रस्ट के संचालन में सरकार से हस्तक्षेप की मांग की थी। उनका कहना था कि देश के इतने बड़े समूह में गवर्नेस नियमों की अनदेखी की जा रही है। रतन टाटा ने मिस्त्री के इन आरोपों को खारिज करते हुए अपने पत्र में कहा है कि टाटा समूह की कंपनियों को श्रेष्ठ कॉरपोरेट गवर्नेस के मानकों का पालन करने के लिए जाना जाता है।