तृणमूल सांसद तापस पाल पर दर्ज हो एफआइआर: हाईकोर्ट
पश्चिम बंगाल में विपक्षी दल-माकपा की महिला कार्यकर्ताओं से बलात्कार कराने की धमकी देने के मामले में तृणमूल कांग्रेस के सांसद तापस पाल फंस गए हैं। कोलकाता हाई कोर्ट ने पाल के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने और सीआईडी जांच कराने का आदेश दिया है।
कोलकाता। पश्चिम बंगाल में विपक्षी दल-माकपा की महिला कार्यकर्ताओं से बलात्कार कराने की धमकी देने के मामले में तृणमूल कांग्रेस के सांसद तापस पाल फंस गए हैं। कोलकाता हाई कोर्ट ने पाल के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने और सीआईडी जांच कराने का आदेश दिया है।
गत चुनावों के दौरान अपनी पार्टी कार्यकर्ताओं की बैठक में तापस पाल ने कहा था कि माकपा कार्यकर्ता उन पर हमले नहीं रोकेंगे तो विपक्षी दल की महिला कार्यकर्ताओं के घरों में घुसकर उनके साथ बलात्कार करो। इन बैठकों का वीडियो सामने आने के बाद यह मामला गर्माया था। पश्चिम बंगाल में सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस ने पाल के माफी मांगने के बाद मामला रफा-दफा कर दिया था। न्यायमूर्ति दीपकंर दत्ता ने इस संबंध में दायर याचिका की सुनवाई करते हुए तापस पर केस दर्ज करने और सीआईडी जांच कराने का आदेश दिया। सीआईडी जांच की निगरानी हाईकोर्ट करेगी।
हाई कोर्ट ने राज्य के नादिया जिले के नकाशीपाडा के थाना प्रभारी को आदेश दिया कि वे याचिकाकर्ता बिप्लव चौधरी द्वारा 1 जुलाई को दर्ज कराई गई शिकायत को एफआईआर ही मानें। चौधरी पाल के चुनाव क्षेत्र कृष्णानगर के ही निवासी हैं। कोर्ट ने राज्य के डीजीपी को भी यह केस 72 घंटे में डीआईजी सीआईडी को हस्तांतरित करने का आदेश दिया। न्यायमूर्ति दत्ता ने सीआईडी को भी 1 सितंबर तक जांच की प्रगति रिपोर्ट पेश करने का निर्देश दिया है।