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देश का हर नागरिक राष्ट्र निर्माता : कोविंद, संसद में गूंजे जय श्रीराम के नारे

संविधान में उल्लेखित न्याय, स्वतंत्रता, समानता और बंधुत्व के मूलमंत्र का पालन सदैव करता रहूंगा।

By Bhupendra SinghEdited By: Published: Tue, 25 Jul 2017 06:08 AM (IST)Updated: Wed, 26 Jul 2017 06:20 AM (IST)
देश का हर नागरिक राष्ट्र निर्माता : कोविंद, संसद में गूंजे जय श्रीराम के नारे
देश का हर नागरिक राष्ट्र निर्माता : कोविंद, संसद में गूंजे जय श्रीराम के नारे

नई दिल्ली, एजेंसी। रामनाथ कोविंद ने मंगलवार को देश के 14 वें राष्ट्रपति के रूप में कामकाज संभाल लिया। संसद के केंद्रीय कक्ष में हुए ऐतिहासिक समारोह में प्रधान न्यायाधीश जेएस खेहर ने उन्हें पद व गोपनीयता की शपथ दिलाई। राष्ट्रपति बनने के बाद अपने पहले भाषण में कोविंद ने कहा, 'देश का हर नागरिक राष्ट्र निर्माता है। 125 करो़ड नागरिकों को नमन करता हूं। संविधान में उल्लेखित न्याय, स्वतंत्रता, समानता और बंधुत्व के मूलमंत्र का पालन सदैव करता रहूंगा।' आजादी के 70 साल में यह पहला मौका है जब संघ व भाजपा से जु़डे रहे किसी नेता की देश के सर्वोच्च संवैधानिक पद पर ताजपोशी हुई है। शपथ के अंत में कुछ सांसदों ने जय श्रीराम के नारे भी लगाए।

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..कोविंद के भाषण के अंश..

विविधता सफलता का मंत्र : 'मैं एक छोटे से गांव में मिट्टी के घर में पला ब़़ढा हूं। मेरी यात्रा बहुत लंबी रही है, लेकिन यह यात्रा अकेले सिर्फ मेरी नहीं रही है, हमारे देश और हमारे समाज की यही गाथा रही है। मैं इस महान राष्ट्र के 125 करो़ड लोगों को नमन करता हूं। मुझे अहसास है कि मैं अब डॉ.राजेंद्र प्रसाद, डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन, डॉ.एपीजे अब्दुल कलाम और प्रणब मुखर्जी जैसी विभूतियों के पदचिन्हों पर चलने जा रहा हूं। देश की सफलता का मंत्र उसकी विविधता है। विविधता ही वह आधार है जो हमें अद्वितीय बनाता है।
इन पर गर्व : भारत की मिट्टी, पानी, विविधता, सर्वधर्म समभाव, समावेशी विचारधारा, सांस्कृतिक परंपरा अध्यात्म, प्रत्येक नागरिक।
ऊर्जा के स्रोत : एक राष्ट्र के तौर पर हमने बहुत हासिल किया है, लेकिन हमारे प्रयास आखिरी गांव के आखिरी घर तक पहुंचने चाहिए। देश के नागरिक ही हमारी ऊर्जा के मूल ाोत हैं।
गांधी, दीनदयाल से प्रेरणा : विश्व हमारी तरफ देख रहा है। देश तेजी से विकसित व मजबूत होती अर्थव्यवस्था है। हमें महात्मा गांधी और दीनदयाल उपाध्याय की कल्पना के अनुरूप अवसरों की समानता वाले समाज का निर्माण करना है।
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नेहरू को छो़ड इन्हें याद किया
कोविंद ने भाषण में देश के प्रथम प्रधानमंत्री पं.जवाहर लाल नेहरू को छो़ड इन आठ ब़़डे नेताओं-राष्ट्रपिता महात्मा गांधी, डॉ.राजेंद्र प्रसाद, डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन, सरदार पटेल, डॉ भीमराव अंबेडकर, एपीजे अब्दुल कलाम और प्रणब मुखर्जी का नाम लिया। मुखर्जी के ठीक बाद उन्होंने भाजपा के आदर्श एकात्म मानवतावाद के प्रणेता पं. दीनदयाल उपाध्याय का नाम लिया।

कांग्रेस ने उठाया सवाल
कांग्रेस नेता गुलाम नबी आजाद ने कोविंद के भाषण पर सवाल उठाते हुए कहा कि उन्होंने पं. नेहरू, इंदिरा गांधी और राजीव गांधी के नाम तक नहीं लिए, जो दिल को चुभने वाली बात है। आनंद शर्मा ने कहा कि महात्मा गांधी की बराबरी में जनसंघ के नेता पं. उपाध्याय को ख़़डा किया, ये ठीक नहीं है।
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ठाठबाट व परंपरागत तरीकों से ताजपोशी और बिदाई

द्वार खटखटाकर लाए : शपथ से पहले राष्ट्रपति के सैन्य सचिव मेजर जनरल अनिल खोसला कोविंद को लेने के लिए उनके अस्थाई आवास १० अकबर रोड पहुंचे। हौले से द्वार खटखटाया। कोविंद व उनकी पत्नी सविता उनके साथ राष्ट्रपति भवन के अध्ययन कक्ष पहुंचे, जहां प्रणब मुखर्जी उनका इंतजार कर रहे थे।
-मुखर्जी को अंतिम सलामी : कुछ देर बाद निवर्तमान व निर्वाचित राष्ट्रपति को राष्ट्रपति भवन के परिसर में बने सलामी मंच पर लाया गया। यहां मुखर्जी ने राष्ट्रपति के अंगरक्षकों से अंतिम सलामी ली। तब कोविंद उनके बाई ओर ख़़डे रहे।
-लिमोजिन में पहुंचे संसद : सलामी की रस्म पूरी होने के बाद मुखर्जी व कोविंद रायसीना हिल्स से काली लिमोजिन कार में संसद के केंद्रीय कक्ष पहुंचे। कार में मुखर्जी दाई व कोविंद बाई ओर बैठे थे।
-'हाजर सलाम' : रास्ते में तीनों सेनाओं के १ हजार जवान अपने सर्वोच्च कमांडर को परंपरागत 'हाजर सलाम'Þ करते रहे।
-अंसारी, महाजन, खेहर ने की अगवानी : उनका काफिला संसद के गेट ५ पर पहुंचा। जहां केंद्रीय कक्ष के द्वार पर उप-राष्ट्रपति हामिद अंसारी, लोस स्पीकर सुमित्रा महाजन, प्रधान न्यायाधीश जेएस खेहर ने उनकी अगवानी की।
-खेहर ने दिलाई शपथ : सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस खेहर ने कोविंद को शपथ दिलाई। शपथ के बाद कोविंद ने हॉल में मौजूद तमाम नेताओं से मुलाकात की।
-अब मुखर्जी बैठे बाई ओर : शपथ के बाद केंद्रीय कक्ष से लिमोजिन कार में राष्ट्रपति कोविंद दाई ओर और पूर्व राष्ट्रपति मुखर्जी बाई ओर बैठकर फिर राष्ट्रपति भवन पहुंचे।
-बारिश में ब़़ढा काफिला : संसद से राष्ट्रपति भवन जाते वक्त राष्ट्रपति के निजी अंगरक्षक उनके आगे पीछे चल रहे थे। उसी दौरान हल्की बारिश की बूंदों ने भी मानों नए राष्ट्रपति का स्वागत किया।
-रजिस्टर में किए दस्तखत : राष्ट्रपति भवन पहुंचने पर कोविंद ने वहां रखे रजिस्टर में दस्तखत पर पदभार विधिवत ग्रहण किया।
-बग्घी में बैठ गार्ड ऑफ ऑनर : पदभार संभालने के बाद कोविंद छह घो़़डों वाली काली बग्घी में सवार हुए और गार्ड ऑफ ऑनर का निरीक्षण किया। फिर वे राष्ट्रपति भवन में चले गए।
-मुखर्जी को अंतिम गार्ड ऑफ ऑनर : कोविंद के बाद मुखर्जी बग्घी में सवार हुए। उन्हें अंतिम गार्ड ऑफ ऑनर दिया गया।
-मुखर्जी को नए बंगले में छो़डने गए कोविंद : शानदार परंपरा के अनुरूप राष्ट्रपति कोविंद अपनी लिमोजिन कार में प्रणब मुखर्जी को 10 राजाजी मार्ग स्थित नए बंगले तक छो़डने गए। इसी बंगले में सेवानिवृत्ति के बाद पूर्व राष्ट्रपति एपीजे अब्दुल कलाम भी रहे थे।

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