रामलला का तिरपाल बदलने में लगेगा एक महीना
सुप्रीम कोर्ट से अनुमति मिलने के बाद भी अयोध्या में अस्थाई रामलला मंदिर का तिरपाल बदलने में अभी देरी है। फिलहाल अक्टूबर में ही इसके बदले जाने की संभावना है। इसकी वजह तिरपाल बनाने वाली संस्था आइआइटी रुड़की ने फायरप्रूफ तिरपाल बनाने के लिए अक्टूबर तक की मोहलत मांगी है।
कृष्णकांत, फैजाबाद : सुप्रीम कोर्ट से अनुमति मिलने के बाद भी अयोध्या में अस्थाई रामलला मंदिर का तिरपाल बदलने में अभी देरी है। फिलहाल अक्टूबर में ही इसके बदले जाने की संभावना है। इसकी वजह तिरपाल बनाने वाली संस्था आइआइटी रुड़की ने फायरप्रूफ तिरपाल बनाने के लिए अक्टूबर तक की मोहलत मांगी है।
अधिग्रहीत क्षेत्र के रिसीवर सूर्य प्रकाश मिश्र (मंडलायुक्त) ने तिरपाल के लिए 11 लाख 40 हजार रुपए आइआइटी रुड़की को अदा कर दिए हैं। संस्था अभी इसे तैयार नहीं कर पाई है। वजह यह है कि पूरे भारत में आइआइटी रुड़की ही सिर्फ फायरप्रूफ तिरपाल बनाती है। इसकी डिमांड कम होने के कारण जब आर्डर मिल जाता है तभी इसके निर्माण प्रक्रिया पर काम शुरू हो पाता है। भुगतान हो चुका है और आर्डर भी मिल गया है। लिहाजा इसे तैयार करने में थोड़ा वक्त लगेगा।
इस तरह के तिरपाल की उम्र औसतन 10 साल मानी जाती है। पिछला तिरपाल 2004 में बदला गया था। यह तिरपाल मौसम की मार व बंदरों के उत्पात के कारण काफी क्षतिग्रस्त हो चुका है। अब यह कामचलाऊ हालत में ही है। यह तिरपाल कई बल्लियों पर टिका है। ये बल्लियां भी गल चुकीं थीं। गत वर्ष ही इन बल्लियों को बदला गया था।